Jansewak Jaiveer
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- ISBN13: 9789355629722
- Binding: Hardcover
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): Biography
यह पुस्तक जयवीर सिंह जी के भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था की ग्रामीण इकाई ग्राम प्रधान से कैबिनेट मंत्री के पद तक के सफर का वर्णन करती है। उनके कुशल राजनीतिक जीवन, समाज सेवा एवं जनहित के कार्यों का संकलन एक पुस्तक के माध्यम से संकलित किया गया है। जयवीर सिंह जी अपने निर्वाचन क्षेत्र और प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति को गतिशील नेतृत्व देते हुए बहुआयामी विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
जयवीर सिंह जी ने मंत्री पद की गरिमानुरूप किसानों, श्रमिकों, शिक्षकों, उद्यमियों, व्यापारियों एवं युवाओं के साथ सीधा संवाद स्थापित किया तथा उनके कल्याण को ही सदैव प्राथमिकता दी है। जयवीर सिंह जी न केवल जुझारू व्यक्तित्व के स्वामी हैं बल्कि कर्मठ राजनेता तथा कुशल प्रशासक भी हैं। उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रहते हुए वे कई प्रमुख विभागों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। अपने लम्बे कार्यकाल में उन्होंने प्रदेश में अभिशासन को स्थापित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
ऐसे स्पष्ट वक्ता तथा क्रियाशील राजनेता की समाज को आवश्यकता है, जो अपने व्यक्तित्व के बल पर समाज व वर्तमान पीढ़ी को एक नई दिशा दे सकें। इस पुस्तक के माध्यम से जयवीर सिंह जी की सोच, समझ, चिंतन एवं दूरदर्शिता के बारे में गहराई से जान सकेंगे।
जयवीर सिंह जी ने मंत्री पद की गरिमानुरूप किसानों, श्रमिकों, शिक्षकों, उद्यमियों, व्यापारियों एवं युवाओं के साथ सीधा संवाद स्थापित किया तथा उनके कल्याण को ही सदैव प्राथमिकता दी है। जयवीर सिंह जी न केवल जुझारू व्यक्तित्व के स्वामी हैं बल्कि कर्मठ राजनेता तथा कुशल प्रशासक भी हैं। उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रहते हुए वे कई प्रमुख विभागों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। अपने लम्बे कार्यकाल में उन्होंने प्रदेश में अभिशासन को स्थापित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
ऐसे स्पष्ट वक्ता तथा क्रियाशील राजनेता की समाज को आवश्यकता है, जो अपने व्यक्तित्व के बल पर समाज व वर्तमान पीढ़ी को एक नई दिशा दे सकें। इस पुस्तक के माध्यम से जयवीर सिंह जी की सोच, समझ, चिंतन एवं दूरदर्शिता के बारे में गहराई से जान सकेंगे।
डॉ. सारिका
विद्या रिसर्च फाउण्डेशन की संस्थापक निदेशक हैं, यह संस्था समाज में वंचितों एवं हाशिये पर रह रहे लोगों के विकास हेतु कार्य कर रही हैं। लेखिका को सोशल इंजीनियरिंग, मानव प्रबंधन, समाजशास्त्र, राजनीति शास्त्र में परास्नातक व सिविल सेवा में प्रशिक्षण के साथ विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों में कार्य करने का विशद अनुभव है। विभिन्न समसामयिक सामाजिक, राजनैतिक विषयों के साथ कला, संस्कृति और विरासत पर विशेषज्ञता रखती हैं। लेखिका पिछले 12 वर्षों से देश के शीर्ष सरकारी व निजी क्षेत्र के प्रतिष्ठित संस्थानों में सामान्य अध्ययन की सुविख्यात प्रशिक्षक, मार्गदर्शक व लेखिका हैं। लेखिका अनेक समाचार पत्रों, पत्रिकाओं में लेखन कार्य के साथ-साथ सिविल सेवा अध्ययन सामग्री विकास के अन्वेषण एवं 30 से अधिक अन्तर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय प्रकाशन समूहों में पुस्तकों की लेखिका एवं संपादक हैं।
डॉ. वीरेन्द्र कुमार
लखनऊ विश्वविद्यालय से परास्नातक के उपरान्त पी.एच.डी. की डिग्री प्राप्त की। प्रारम्भ से ही अध्ययन और अध्यापन में गहरी रुचि के कारण लखनऊ विश्वविद्यालय सहित प्रदेश के प्रमुख विश्वविद्यालयों, कॉलेजों में अध्यापन का कार्य अतिथि संकाय सदस्य के रूप में किया। प्रादेशिक एवं अखिल भारतीय स्तर के आयोजन, समाजशास्त्रीय सम्मेलन एवं संगोष्ठियों में सक्रिय सहभागिता के साथ प्रतिनिधित्व किया। विभिन्न समाचार-पत्रों, समसामयिक पत्रिकाओं में सामाजिक एवं राजनैतिक विषयों पर लेखन कार्य और समसामयिक सामाजिक विषयों पर परिचर्चा कार्यक्रमों में भी सक्रिय भागीदारी की। प्रदेश व देश के सामाजिक, सांस्कृतिक एवं राजनैतिक कार्यक्रमों में समन्वय और संचालन का कार्य करते हुए महत्त्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन किया।
विद्या रिसर्च फाउण्डेशन की संस्थापक निदेशक हैं, यह संस्था समाज में वंचितों एवं हाशिये पर रह रहे लोगों के विकास हेतु कार्य कर रही हैं। लेखिका को सोशल इंजीनियरिंग, मानव प्रबंधन, समाजशास्त्र, राजनीति शास्त्र में परास्नातक व सिविल सेवा में प्रशिक्षण के साथ विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों में कार्य करने का विशद अनुभव है। विभिन्न समसामयिक सामाजिक, राजनैतिक विषयों के साथ कला, संस्कृति और विरासत पर विशेषज्ञता रखती हैं। लेखिका पिछले 12 वर्षों से देश के शीर्ष सरकारी व निजी क्षेत्र के प्रतिष्ठित संस्थानों में सामान्य अध्ययन की सुविख्यात प्रशिक्षक, मार्गदर्शक व लेखिका हैं। लेखिका अनेक समाचार पत्रों, पत्रिकाओं में लेखन कार्य के साथ-साथ सिविल सेवा अध्ययन सामग्री विकास के अन्वेषण एवं 30 से अधिक अन्तर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय प्रकाशन समूहों में पुस्तकों की लेखिका एवं संपादक हैं।
डॉ. वीरेन्द्र कुमार
लखनऊ विश्वविद्यालय से परास्नातक के उपरान्त पी.एच.डी. की डिग्री प्राप्त की। प्रारम्भ से ही अध्ययन और अध्यापन में गहरी रुचि के कारण लखनऊ विश्वविद्यालय सहित प्रदेश के प्रमुख विश्वविद्यालयों, कॉलेजों में अध्यापन का कार्य अतिथि संकाय सदस्य के रूप में किया। प्रादेशिक एवं अखिल भारतीय स्तर के आयोजन, समाजशास्त्रीय सम्मेलन एवं संगोष्ठियों में सक्रिय सहभागिता के साथ प्रतिनिधित्व किया। विभिन्न समाचार-पत्रों, समसामयिक पत्रिकाओं में सामाजिक एवं राजनैतिक विषयों पर लेखन कार्य और समसामयिक सामाजिक विषयों पर परिचर्चा कार्यक्रमों में भी सक्रिय भागीदारी की। प्रदेश व देश के सामाजिक, सांस्कृतिक एवं राजनैतिक कार्यक्रमों में समन्वय और संचालन का कार्य करते हुए महत्त्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन किया।