Hastakshar : Kala Itihas Mein Bihar Ki Mahilayen
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- ISBN13: 9789349928183
- Binding: Paperback
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): History
यह पुस्तक उन महिलाओं की अनकही कथाएँ हैं, जिन्होंने बिहार में शास्त्रीय संगीत और लोकधुन, नृत्ये और रंगमंच को आज़ादी के बाद के साठ और सत्तर वर्षो में जीवित और जीवंत रखने में बड़ी भूमिका निभाई। हालाँकि कलासंस्कृति क्षेत्र में सक्रिय रहने के दौरान उन्हें कई तरह की सामाजिकसांस्कृतिक चुनौतियाँ झेलनी पड़ीं, इसके बावजूद उन्होंने काम किया। बिहार की वर्तमान पीढ़ी आज कलापरंपराओं की जिस विरासत से समृद्ध है, यह उन्हीं भूलीबिसरी सी महिलाओं की देन है।
राज्य के कलासंस्कृति क्षेत्र की नायिकाएँ रही हैं वे महिलाएँ, लेकिन उनकी कहानियाँ, उनके योगदानों और उपलब्धियों की बहुत कम जानकारी रही है हमारे बीच। उन्हीं नायिकाओं की अनसुनी कथाएँ और उनके जीवन के कई अनकहे किस्से हैं इस संकलन में। यह पुस्तक इसलिए भी महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि यह बताती है कि बिहार के सांस्कृतिक इतिहास में किनकिन महिलाओं की भागीदारी रही और किनकिन क्षेत्रों में उन्होंने विशिष्ट भूमिका निभाई।
इस संकलन में सर्वश्री विंध्यवासिनी देवी, सावित्री देवी और शारदा सिन्हा से लेकर नवनीत शर्मा, नूर फातिमा, शांति जैन, बेगम अजीजा इमाम, डॉ. रमा दास तथा उमागौरी चैटर्जी से लेकर कुमुद अखौरी, गिरिजा सिंह और शांति देवी तक शामिल हैं।
राज्य के कलासंस्कृति क्षेत्र की नायिकाएँ रही हैं वे महिलाएँ, लेकिन उनकी कहानियाँ, उनके योगदानों और उपलब्धियों की बहुत कम जानकारी रही है हमारे बीच। उन्हीं नायिकाओं की अनसुनी कथाएँ और उनके जीवन के कई अनकहे किस्से हैं इस संकलन में। यह पुस्तक इसलिए भी महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि यह बताती है कि बिहार के सांस्कृतिक इतिहास में किनकिन महिलाओं की भागीदारी रही और किनकिन क्षेत्रों में उन्होंने विशिष्ट भूमिका निभाई।
इस संकलन में सर्वश्री विंध्यवासिनी देवी, सावित्री देवी और शारदा सिन्हा से लेकर नवनीत शर्मा, नूर फातिमा, शांति जैन, बेगम अजीजा इमाम, डॉ. रमा दास तथा उमागौरी चैटर्जी से लेकर कुमुद अखौरी, गिरिजा सिंह और शांति देवी तक शामिल हैं।
रीना सोपम
वरिष्ठ पत्रकार और कलालेखिका। पिछले तीन दशकों से अधिक समय से कलापरंपरा और कलाकारों पर अंग्रेजी तथा हिंदी की पत्रपत्रिकाओं में सतत लेखन।
दो पुस्तकें 'सुरीले लोगों की सुरीली यादें' तथा 'समय से परे स्वर छंदों की यात्रा' प्रकाशित ।
पत्रकारिता और कलालेखन में विशेष योगदान के लिए रामधारी सिंह दिनकर सम्मान (कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार सरकार), प्रद्योत भद्र युवा पत्रकार सम्मान, गणेश शंकर विद्यार्थी पत्रकार सम्मान, महिला पत्रकार सम्मान, चेतना सेवी सम्मान, उभय भारती पत्रकार सम्मान से अलंकृत।
मो.: 9334195556
इमेल: htsopam@gmail.com
वरिष्ठ पत्रकार और कलालेखिका। पिछले तीन दशकों से अधिक समय से कलापरंपरा और कलाकारों पर अंग्रेजी तथा हिंदी की पत्रपत्रिकाओं में सतत लेखन।
दो पुस्तकें 'सुरीले लोगों की सुरीली यादें' तथा 'समय से परे स्वर छंदों की यात्रा' प्रकाशित ।
पत्रकारिता और कलालेखन में विशेष योगदान के लिए रामधारी सिंह दिनकर सम्मान (कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार सरकार), प्रद्योत भद्र युवा पत्रकार सम्मान, गणेश शंकर विद्यार्थी पत्रकार सम्मान, महिला पत्रकार सम्मान, चेतना सेवी सम्मान, उभय भारती पत्रकार सम्मान से अलंकृत।
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