Har Din 24 Ghante Kaise Jiyen
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- ISBN13: 9789355213358
- Binding: Paperback
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): Self-Help Groups
समय की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसे आप एडवांस में बरबाद नहीं करते। अगला वर्ष, अगला दिन, अगला घंटा आपके उपयोग के लिए तत्पर है--संपूर्णता में बिना किसी रुकावट के। अब यह आप पर निर्भर करता है कि आप जीवन में एक क्षण भी व्यर्थ न करें। आप चाहें तो हर क्षण, हर घंटे एक नए अध्याय का सूत्रपात कर सकते हैं।
एक घंटे, डेढ़ घंटे, यहाँ तक कि दो घंटे पहले उठ जाएँ और अगर जागना संभव न हो तो रात को जल्दी सो जाएँ। जहाँ तक बेहद मुश्किल कामों की बात है, तो जो काम आप शाम के दो घंटे में करेंगे, वही सुबह एक घंटे में हो जाएगा।
आपको रोजाना के इस चौबीस घंटे को ही जीना है। इसी से आपको स्वास्थ्य, सुख, संपत्ति, संतुष्टि, सम्मान और अपनी अमर आत्मा के उत्थान को हासिल करना है। इसका उचित इस्तेमाल, इसका सबसे प्रभावी उपयोग बेहद जरूरी विषय और सबसे रोमांचक वास्तविकता भी है। सबकुछ इसी पर निर्भर है। आपकी खुशी, मुश्किल से हासिल होनेवाली दौलत, जिसे मुट्ठी में करने की कोशिश आप सभी कर रहे हैं, साथियो, वह इस पर ही निर्भर करती है।>इसी पुस्तक से
समय के सदुपयोग और अपनी दिनचर्या को निर्धारित करने के विषय में व्यावहारिक सूत्र बताती यह पुस्तक आपको जीवन जीने और आनंदित रहने की एक नई दृष्टि देगी |
एक घंटे, डेढ़ घंटे, यहाँ तक कि दो घंटे पहले उठ जाएँ और अगर जागना संभव न हो तो रात को जल्दी सो जाएँ। जहाँ तक बेहद मुश्किल कामों की बात है, तो जो काम आप शाम के दो घंटे में करेंगे, वही सुबह एक घंटे में हो जाएगा।
आपको रोजाना के इस चौबीस घंटे को ही जीना है। इसी से आपको स्वास्थ्य, सुख, संपत्ति, संतुष्टि, सम्मान और अपनी अमर आत्मा के उत्थान को हासिल करना है। इसका उचित इस्तेमाल, इसका सबसे प्रभावी उपयोग बेहद जरूरी विषय और सबसे रोमांचक वास्तविकता भी है। सबकुछ इसी पर निर्भर है। आपकी खुशी, मुश्किल से हासिल होनेवाली दौलत, जिसे मुट्ठी में करने की कोशिश आप सभी कर रहे हैं, साथियो, वह इस पर ही निर्भर करती है।>इसी पुस्तक से
समय के सदुपयोग और अपनी दिनचर्या को निर्धारित करने के विषय में व्यावहारिक सूत्र बताती यह पुस्तक आपको जीवन जीने और आनंदित रहने की एक नई दृष्टि देगी |
हनोक आर्नल्ड बेनेट (27 मई, 1867 - 27 मार्च, 1931)-- आर्नल्ड बेनेट एक अंग्रेजी लेखक थे, जिन्हें एक विख्यात उपन्यासकार के रूप में जाना जाता था। उन्होंने 34 उपन्यास, लघु- कथाओं के सात खंड, 13 नाटक (कुछ अन्य लेखकों के सहयोग से) तथा विभिन्न समाचार-पत्रों एवं पत्रिकाओं के लिए 100 से अधिक लेख और कहानियाँ लिखीं। उन्हें दो सेल्फ-हेल्प पुस्तकों 'हाउ टू लिव ऑन 24 आँवर्स ए डे' (1908) और 'लिटरेरी टेस्ट : हाउ टू फॉर्म इट' (1909) के लिए भी काफी प्रशंसा मिली । 'एना ऑफ द फाइव टाउंस' (1902), 'द ओल्ड वाइव्स टेल' (1908), 'क्लेहेंगर' (1910) और “राइसमैन स्टेप्स' (1923) आदि उपन्यास उनके प्रमुख कार्यों के रूप में जाने जाते हैं।