Hanumat-Katha
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- ISBN13: 9789394871007
- Binding: Hardcover
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): Religion & Spirituality
वाल्मीकि रामायण के अनुशीलन से श्रीराम तथा हनुमान की आध्यात्मिक शक्तियों के दिग्दर्शन होते हैं ।सामान्यतया इतिहास लेखन में आध्यात्मिक शक्तियों पर विचार नहीं किया जाता है, परंतु प्राचीनकाल से ही विश्व के बहुत से समुदायों में कुछ विशिष्ट मानवों में आध्यात्मिक शक्तियों की उपस्थिति के उल्लेख मिलते रहे हैं। अत: आध्यात्मिक तथा अतींद्रिय शक्तियों की अवहेलना उचित नहीं है।
इस कृति में श्रीराम तथा हनुमान आदि को ऐतिहासिक समझते हुए उनकी इन शक्तियों का भी कुछ अंश तक परिज्ञान लिया गया है प्रस्तुत उपन्यास मुख्य रूप से वाल्मीकि रामायण तथा सद्गुरुओं के विचारों के आधार पर ऐतिहासिक दृष्टिकोण से लिखा गया है| अस्तु, यदि प्रस्तुत कृति में कुछ अच्छा है, तो वह महान् कवि वाल्मीकि का प्रसाद है और निर्विवाद प्रतीति यह है कि बिना केसरीनंदन हनुमान की कृपा के तो रामकथा अथवा उसका कोई अंश लिखा ही नहीं जासकता।
श्री हनुमान के समर्पण, भक्ति, पराक्रम, पौरुष और त्याग का दिग्दर्शन करवाता अत्यंत पठनीय उपन्यास ।
इस कृति में श्रीराम तथा हनुमान आदि को ऐतिहासिक समझते हुए उनकी इन शक्तियों का भी कुछ अंश तक परिज्ञान लिया गया है प्रस्तुत उपन्यास मुख्य रूप से वाल्मीकि रामायण तथा सद्गुरुओं के विचारों के आधार पर ऐतिहासिक दृष्टिकोण से लिखा गया है| अस्तु, यदि प्रस्तुत कृति में कुछ अच्छा है, तो वह महान् कवि वाल्मीकि का प्रसाद है और निर्विवाद प्रतीति यह है कि बिना केसरीनंदन हनुमान की कृपा के तो रामकथा अथवा उसका कोई अंश लिखा ही नहीं जासकता।
श्री हनुमान के समर्पण, भक्ति, पराक्रम, पौरुष और त्याग का दिग्दर्शन करवाता अत्यंत पठनीय उपन्यास ।
कृष्णमोहन मिश्र — प्रांतीय अभियंत्रण सेवा के अंतर्गत सिंचाई विभाग, उत्तर प्रदेश में वर्ष 1974 से वर्ष 2010 तक विभिन्न पदों पर कार्यरत रहे । छात्र-जीवन में कुछ कविताएँ 'आज' समाचार-पत्र में व अन्यत्र प्रकाशित हुईं। प्रथम काव्य-कृति 'सीता-बिछोह' सन् 1980 में प्रकाशित हुई । सेवानिवृत्ति के पश्चात् शोधपरक साहित्य के सृजन की ओर उन्मुख हुए। इस क्रम में काव्य-कृति 'रत्नावली : प्रिया तुलसी की ' वर्ष 2013 में प्रकाशित हुई। तदुपरांत गद्य में शोधपरक कृति 'तुलसी-जीवनवृत्त : एक सिंहावलोकन' वर्ष 2016 में प्रकाशित हुई। उपन्यास “राम कथा" वर्ष 2018 में प्रकाशित हुआ और इसी कड़ी में ऐतिहासिक दृष्टिकोण से लिखित यह ' हनुमत्-कथा ' उपन्यास प्रस्तुत है । वर्तमान में सपत्नीक लखनऊ में रहते हैं । मोबाइल : 9415054017