Guru-Shishya Samvad "गुरु-शिष्य संवाद" | Spiritual Journey | Swami Vivekananda Book in Hindi
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- ISBN13: 9789355622075
- Binding: Paperback
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): Literature
स्वामी विवेकानंद ने भारत में उस समय अवतार लिया, जब यहाँ हिंदू धर्म के अस्तित्व पर संकट के बादल मँडरा रहे थे । पंडितों-पुरोहितों ने हिंदू धर्म को घोर आडंबरी और अंधविश्वासपूर्ण बना दिया था। ऐसे में स्वामी विवेकानंद ने हिंदू धर्म को एक पूर्ण पहचान प्रदान की । इसके पहले हिंदू धर्म विभिन्न छोटे-छोटे संप्रदायों में बँटा हुआ था। तीस वर्ष की आयु में स्वामी विवेकानंद ने शिकागो (अमरीका) में विश्व धर्म-संसद् में हिंदू धर्म का प्रतिनिधित्व किया और इसे सार्वभौमिक पहचान दिलवाई।
प्रस्तुत पुस्तक ‘गुरु-शिष्य संवाद' में स्वामी विवेकानंद ने सरल शब्दों में वेद, उपनिषद् और वेदांत के बारे में सारभूत व्याख्या की है तथा प्रत्यक्ष संवाद के माध्यम से अपने शिष्यों की आध्यात्मिक जिज्ञासा को शांत करने का प्रयास किया है। उन्होंने अकाट्य तर्कों द्वारा वैश्विक ज्ञान के सागर को इस पुस्तक रूपी गागर में भर दिया है। यह एक अत्यंत प्रेरक और ओजपूर्ण पुस्तक, जो जीवन में दैविक आशा का संचार करती है; मनुष्य को मनुष्य से जोड़ती है।
प्रस्तुत पुस्तक ‘गुरु-शिष्य संवाद' में स्वामी विवेकानंद ने सरल शब्दों में वेद, उपनिषद् और वेदांत के बारे में सारभूत व्याख्या की है तथा प्रत्यक्ष संवाद के माध्यम से अपने शिष्यों की आध्यात्मिक जिज्ञासा को शांत करने का प्रयास किया है। उन्होंने अकाट्य तर्कों द्वारा वैश्विक ज्ञान के सागर को इस पुस्तक रूपी गागर में भर दिया है। यह एक अत्यंत प्रेरक और ओजपूर्ण पुस्तक, जो जीवन में दैविक आशा का संचार करती है; मनुष्य को मनुष्य से जोड़ती है।
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