Ek Indradhanush Zubeda Ke Naam

Ek Indradhanush Zubeda Ke Naam

by Suryabala

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  • ISBN13: 9789389471038
  • Binding: Hardcover
  • Publisher: Prabhat Prakashan
  • Publisher Imprint: NA
  • Pages: NA
  • Language: Hindi
  • Edition: NA
  • Item Weight: 500
  • BISAC Subject(s): Literature
एक लंबे अंतराल के बाद प्रस्तुत है प्रतिष्ठित कथाकार सूर्यबाला का पहला कहानी-संग्रह ‘एक इंद्रधनुष ः जुबेदा के नाम’, जिसकी ‘रेस’, ‘निर्वासित’, ‘पलाश के फूल’ आदि सभी शुरुआती कहानियों ने क्रमशः ‘सारिका’ और ‘धर्मयुग’ आदि स्तरीय पत्रिकाओं में प्रकाशित होने के साथ ही प्रायः सभी आयु-वर्ग के पाठकों और मर्मज्ञों का ध्यान खींचा था, उन्हें अपने सम्मोहन में बाँधा था। तब से आज तक सूर्यबाला के कथा साहित्य का कैनवास गाँव से शहर, शहर से महानगर के साथ-साथ निम्न, मध्य और उच्च वर्ग तक फैले रेंज के लिए जाना जाता है। प्रारंभ से ही सूर्यबाला ने अपनी कहानियों के कथ्य और शिल्प की कोई सीमा नहीं बाँधी। बाजार के रुख से बेखबर वे ‘माँग’ और ‘सप्लाई’ वाले ट्रेड की अनसुनी करती रहीं। सामयिकता के ऊपरी और सतही दबाव भी उन्हें नहीं भरमा पाए, लेकिन उनकी प्रत्येक रचना अपने समय की विद्रूपता और व्यक्ति की संवेदना को तेजी से निगलती व्यावसायिकता का प्रतिनिधित्व करती है। कहानी चाहे वर्गभेद के ध्रुवातों की हो (लाल पलाश...), चाहे आज की अंधी दौड़ (रेस) और चाहे रीतते मानवीय संबंधों (निर्वासित) की या प्रेम के गहरे अहसासों की, हर रचना समय की समग्रता में प्रवेश करने की कोशिश करती है।
पढ़नेवालों को हमेशा इन कहानियों की प्रतीक्षा शायद इसीलिए रहती है, क्योंकि इनके पात्रों में वे स्वयं अपने को ढूँढ़ पाते हैं। बीस बरस पहले लिखी जाकर भी ये कहानियाँ आज तक पुरानी नहीं पड़ीं।
Suryabala
जन्म : 25 अक्‍तूबर, 1943 को वाराणसी (उ.प्र.) में।
शिक्षा : एम.ए., पी-एच.डी. (रीति साहित्य—काशी हिंदू विश्‍वविद्यालय)।
कृतित्व : अब तक पाँच उपन्यास, ग्यारह कहानी-संग्रह तथा तीन व्यंग्य-संग्रह प्रकाशित।
टी.वी. धारावाहिकों में ‘पलाश के फूल’, ‘न किन्नी, न’, ‘सौदागर दुआओं के’, ‘एक इंद्रधनुष...’, ‘सबको पता है’, ‘रेस’ तथा ‘निर्वासित’ आदि। अनेक राष्‍ट्रीय एवं अंतरराष्‍ट्रीय संगोष्‍ठियों में सहभागिता। अनेक कहानियाँ एवं उपन्यास विभिन्न शिक्षण संस्थानों के पाठ्यक्रम में सम्मिलित। कोलंबिया विश्‍वविद्यालय (न्यूयॉर्क), वेस्टइंडीज विश्‍वविद्यालय (त्रिनिदाद) तथा नेहरू सेंटर (लंदन) में कहानी एवं व्यंग्य रचनाओं का पाठ।
सम्मान-पुरस्कार : साहित्य में विशिष्‍ट योगदान के लिए अनेक संस्थानों द्वारा सम्मानित एवं पुरस्कृत।
प्रसार भारती की इंडियन क्लासिक श्रृंखला (दूरदर्शन) में ‘सजायाफ्ता’ कहानी चयनित एवं वर्ष की सर्वश्रेष्‍ठ फिल्म के रूप में पुरस्कृत।
इ-मेल : suryabala.lal@gmail.com

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