Dr. Babasaheb Ambedkar Bharatiya Gantantra Ko Sakar Karnewala Mahamanav Hindi Translation of Baba Saheb Ambedkar And The Indian Constitution
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- ISBN13: 9789355620880
- Binding: Paperback
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): Biography
यह पुस्तक भारत के एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य बनने की यात्रा का वर्णन करती है, जिसमें लगभग दो सौ वर्षों के औपनिवेशिक शासन से बाहर निकलने की कहानी है।
यह संविधान निर्माण की पूरी प्रक्रिया का विश्लेषण करती है, जिसमें 1919 का मोंटेग्यूचेम्सफोर्ड सुधार, 1927 की साइमन कमीशन, 1928 की नेहरू रिपोर्ट, 1930 का गोलमेज सम्मेलन, भारत सरकार अधिनियम 1935, क्रिप्स मिशन, कैबिनेट मिशन, संविधान सभा के गठन और आखिर में संविधान का निर्माण जैसे महत्त्वपूर्ण पड़ाव शामिल हैं।
सामान्य धारणा के विपरीत, वे महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू या सरदार पटेल नहीं थे, जिन्होंने इस जटिल प्रक्रिया में व्यापक और निर्णायक भूमिका निभाई, बल्कि एकमात्र डॉ. भीमराव आंबेडकर ही थे, जिन्होंने इसका नेतृत्व किया।
पुस्तक के भाग। और ।। में एक विद्वान् और सुधारक के रूप में, डॉ. आंबेडकर की भूमिका, उनकी ओर से उदार गणतंत्रवाद के सिद्धांतों के पालन और संविधान के विकसित होने की चर्चा की गई है।
भाग III में भारत में संविधान से संबंधित सुधारों की दो समानांतर प्रक्रियाओं की विवेचना की गई हैएक ब्रिटिश सरकार द्वारा शुरू की गई और दूसरी भारतीय नेताओं द्वारा, जिनमें डॉ. आंबेडकर प्रमुख थे। इन दोनों प्रक्रियाओं में कभीकभी मतभेद और टकराव भी हुए, पर अंत में तालमेल हो गया, जैसा कि भाग IV में दिखाया गया है; और परिणाम भारत के मजबूत संविधान की रचना और उदय लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में इसके उदय के रूप में सामने आया।
इसलिए भारत के गणराज्य को स्वरूप देने का विशिष्ट सम्मान सही मायने में डॉ आंबेडकर को ही दिया जाना चाहिए।
यह संविधान निर्माण की पूरी प्रक्रिया का विश्लेषण करती है, जिसमें 1919 का मोंटेग्यूचेम्सफोर्ड सुधार, 1927 की साइमन कमीशन, 1928 की नेहरू रिपोर्ट, 1930 का गोलमेज सम्मेलन, भारत सरकार अधिनियम 1935, क्रिप्स मिशन, कैबिनेट मिशन, संविधान सभा के गठन और आखिर में संविधान का निर्माण जैसे महत्त्वपूर्ण पड़ाव शामिल हैं।
सामान्य धारणा के विपरीत, वे महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू या सरदार पटेल नहीं थे, जिन्होंने इस जटिल प्रक्रिया में व्यापक और निर्णायक भूमिका निभाई, बल्कि एकमात्र डॉ. भीमराव आंबेडकर ही थे, जिन्होंने इसका नेतृत्व किया।
पुस्तक के भाग। और ।। में एक विद्वान् और सुधारक के रूप में, डॉ. आंबेडकर की भूमिका, उनकी ओर से उदार गणतंत्रवाद के सिद्धांतों के पालन और संविधान के विकसित होने की चर्चा की गई है।
भाग III में भारत में संविधान से संबंधित सुधारों की दो समानांतर प्रक्रियाओं की विवेचना की गई हैएक ब्रिटिश सरकार द्वारा शुरू की गई और दूसरी भारतीय नेताओं द्वारा, जिनमें डॉ. आंबेडकर प्रमुख थे। इन दोनों प्रक्रियाओं में कभीकभी मतभेद और टकराव भी हुए, पर अंत में तालमेल हो गया, जैसा कि भाग IV में दिखाया गया है; और परिणाम भारत के मजबूत संविधान की रचना और उदय लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में इसके उदय के रूप में सामने आया।
इसलिए भारत के गणराज्य को स्वरूप देने का विशिष्ट सम्मान सही मायने में डॉ आंबेडकर को ही दिया जाना चाहिए।
डॉ. नरेंद्र जाधव 2022 तक राज्यसभा के सांसद (भारत के राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत) थे। डॉ. जाधव एक अर्थशास्त्री, शिक्षाविद्, प्रशासक, लेखक और विचारवंत हैं। अमेरिका की इंडियाना यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में पी.एचडी. करने वाले जाधव ने अनेक विशिष्ट पदों पर उत्कृष्ट कार्य किया है जिनमें योजना आयोग के सदस्य, पुणे यूनिवर्सिटी के कुलपति, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के सलाहकार और भारतीय रिजर्व बैंक के प्रमुख अर्थशास्त्री आदि प्रमुख हैं।
डॉ. जाधव मराठी, अंग्रेजी और हिंदी में सफलतापूर्वक लेखन करते हैं। उन्होंने 47 पुस्तकों का लेखन व संपादन किया है, जिनमें से 23 अंग्रेजी, 15 मराठी और 9 हिंदी भाषा में हैं। उन्हें 200 से भी अधिक शोधपत्रों और लेखों के लेखन का श्रेय जाता है, जिनके अलावा उन्होंने भारत में विभिन्न प्रकार की लोकनीतियों पर 34 आधिकारिक रिपोर्ट भी लिखी हैं। अंग्रेजी में जाधव की पारिवारिक जीवनी 'अनटचेबल्स' (साइमन एंड शुस्टर, अमेरिका) अंतरराष्ट्रीय बेस्टसेलर है, जिसका अनुवाद फ्रेंच, स्पेनी, कोरियाई, थाई समेत 14 भाषाओं में हुआ है।
डॉ. जाधव एक प्रसिद्ध सार्वजनिक हस्ती हैं, जिन्हें अर्थशास्त्र, शिक्षा, साहित्य, संस्कृति और सामाजिक कार्य के क्षेत्र में योगदान के लिए 74 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। इनमें चार मानद डी.लिट्. और फ्रांस सरकार की ओर से 'कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ एकेडमिक पाम्स' की उपाधि भी शामिल है।
डॉ. जाधव मराठी, अंग्रेजी और हिंदी में सफलतापूर्वक लेखन करते हैं। उन्होंने 47 पुस्तकों का लेखन व संपादन किया है, जिनमें से 23 अंग्रेजी, 15 मराठी और 9 हिंदी भाषा में हैं। उन्हें 200 से भी अधिक शोधपत्रों और लेखों के लेखन का श्रेय जाता है, जिनके अलावा उन्होंने भारत में विभिन्न प्रकार की लोकनीतियों पर 34 आधिकारिक रिपोर्ट भी लिखी हैं। अंग्रेजी में जाधव की पारिवारिक जीवनी 'अनटचेबल्स' (साइमन एंड शुस्टर, अमेरिका) अंतरराष्ट्रीय बेस्टसेलर है, जिसका अनुवाद फ्रेंच, स्पेनी, कोरियाई, थाई समेत 14 भाषाओं में हुआ है।
डॉ. जाधव एक प्रसिद्ध सार्वजनिक हस्ती हैं, जिन्हें अर्थशास्त्र, शिक्षा, साहित्य, संस्कृति और सामाजिक कार्य के क्षेत्र में योगदान के लिए 74 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। इनमें चार मानद डी.लिट्. और फ्रांस सरकार की ओर से 'कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ एकेडमिक पाम्स' की उपाधि भी शामिल है।