Dharohar Vastunisth Rajasthan (Rajasthan Objective Hindi)

Dharohar Vastunisth Rajasthan (Rajasthan Objective Hindi)

by Kunwar Kanak Singh Rao

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  • ISBN13: 9789354884580
  • Binding: Paperback
  • Publisher: Prabhat Prakashan
  • Publisher Imprint: NA
  • Pages: NA
  • Language: Hindi
  • Edition: NA
  • Item Weight: 500
  • BISAC Subject(s): Competitive Books
धरोहर राजस्थान में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के विश्वास की कसौटी पर दशकों से खरी उतरती वह पुस्तक श्रृंखला है, जिसने अपनी गृणवत्ता से अभ्यर्थियों को पुस्तक के रूप में सफलता का एक ऐसा मूल मंत्र दिया है जिसे धारण कर छात्र अनवरत सफलता के शिखर को छू रहे हैं। धरोहर पुस्तकों की इस सूची में या यूँ कहें कि ' धरोहर श्रृंखला' में एक और नई पुस्तक जुड़ रही है, जिससे धरोहर पुस्तक सूची का महत्त्व बढ़ेगा।
यह नई पुस्तक है "वस्तुनिष्ठ राजस्थान"|
पूर्ववर्ती धरोहर पुस्तकों की भाँति यह पुस्तक भी यथावत गुणवत्ता के साथ नवीन गुणों के समावेश का अद्भुत संकलन है। राजस्थान सामान्य ज्ञान के समस्त क्षेत्रों को समाहित करते हुए पुस्तक के विषयवार संभाग किए गए हैं ताकि संबंधित विषय का कोई भी पक्ष अछूता न रहे। पुस्तक में वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के साथ उनकी तथ्यात्मक व्याख्या, यथास्थान संबंधित सारणियाँ, नक्शे तथा प्रश्नानुकूल उपयोगी जानकारी प्रदान की गई है।

पुस्तक का प्रत्येक भाग गहन शोध, विश्लेषणात्मक एवं तथ्यात्मक अध्ययन के पश्चात्‌ विषय विशेषज्ञों की टीम की निगरानी में प्रतियोगी परीक्षाओं की प्रकृति के अनुरूप तैयार किया गया है। पाठ्यवस्तु में आपको वर्षों के अनुभव की झलक स्पष्टत: देखने को मिलेगी। पुस्तक में किए गए नवीन प्रयोग निसंदेह अभ्यर्थियों के लिए हितकारी सिद्ध होंगे।

आशा है कि पूर्ववर्ती धरोहर पुस्तकों की भाँति यह पुस्तक भी राजस्थान के अभ्यर्थियों की सफलता के मार्ग में मील का पत्थर सिद्ध होगी तथा पुस्तक को विद्यार्थियों का वही प्रेम और विश्वास मिलेगा जो अब तक धरोहर पुस्तकों को मिलता आया है।
मंजिलों की चाह जो रखते हैं, सफर का मिजाज समझते हैं।
किस्मत की बात करते नहीं, हिम्मत को जो साथ रखते हैं।।
कुँवर कनक सिंह राव वर्तमान समय में शिक्षा क्षेत्र के शिरोमणि, योग्य, कर्मठ लेखक एवं शिक्षक कुँवर कनक सिंह राव का जन्म राजस्थान के कांठल -- प्रतापगढ़ के पास ठिकाना 'ढलमू' में हुआ था। मात्र 14 वर्ष की उप्र से भी पूर्व वे 'कुँवर क्रांति' के नाम से साहित्य जगत में प्रसिद्ध हो गये और शीघ्र ही अखिल भारतीय कवि के रूप में ख्याति अर्जित की। राष्ट्रीय मंच पर उन्होंने वीर रस के कवि के रूप में प्रसिद्धि प्राप्त की और आशावादी काव्य पाठ कर पाठकों का मन हरते रहे। साहित्य के साथ ही वे आकाशवाणी से भी जुड़े तथा वहाँ पर काव्य पाठ एवं युवाओं के संदर्भ में उनकी वार्ताएँ प्रसारित हुई। साहित्य क्षेत्र के साथ ही वे कालांतर में शैक्षणिक क्षेत्र में भी एक दैदीप्यमान नक्षत्र की भांति अपनी चमक बिखेरते हुए उदित हुए और स्थापित हो गए। स्नातक स्तर के अध्ययन के दौरान विश्वविद्यालय स्तर एवं राज्य स्तरीय वाद-विवाद प्रतियोगिताओं, निबंध लेखन प्रतियोगिताओं तथा विभिन्न खेलकूद प्रतियोगिताओं सहित वे अन्य क्षेत्रों में भी अग्रणी रहे। 1997 में बी.एड. करने के पश्चात्‌ वर्ष 1997-98 में रेलवे स्टेशन मास्टर परीक्षा में वे चयनित हुए। 1998 में राज्य पुलिस उप निरीक्षक परीक्षा उत्तीर्ण की तथा 1999 में ए.ई.सी.एस में प्रारम्भ में टी.जी.टी के रूप में तथा सन्‌ 2000 में इतिहास के प्राध्यापक के रूप में अध्यापन कार्य किया। राजस्थान के युवाओं के मध्य शीघ्र ही उन्होंने इतिहास के अध्यापक के रूप में एक अविस्मरणीय स्थान बनाया जो आज भी यथावत्‌ है। साहित्य लेखन के साथ-साथ लेखन में भी सक्रिय हुए। 2001 से प्रतियोगी परीक्षा की पुस्तकों के लेखन व जयपुर की विभिन्‍न प्रतियोगिता परीक्षा कोचिंग कक्षाओं में सामान्य अध्ययन तथा आई.सी.एस, व आरए,एस, परीक्षा में इतिहास ऐच्छिक विषय के व्याख्याता के रूप में अनवरत शिक्षण कार्य कर रहे हैं। ई-मेल : kunwarkanak9@gmail.com

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