Dharohar Grade-I, Grade-II, Sharirik Shiksha Adhyapak Rajasthan Bhugol Evem Arthvyavastha

Dharohar Grade-I, Grade-II, Sharirik Shiksha Adhyapak Rajasthan Bhugol Evem Arthvyavastha

by Kunwar Kanak Singh Rao

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  • ISBN13: 9789354881022
  • Binding: Paperback
  • Publisher: Prabhat Prakashan
  • Publisher Imprint: NA
  • Pages: NA
  • Language: Hindi
  • Edition: NA
  • Item Weight: 500
  • BISAC Subject(s): Competitive Books
Dharohar Grade-I, Grade-II, Sharirik Shiksha Adhyapak Rajasthan Bhugol Evem Arthvyavastha — धरोहर ग्रेड-1, ग्रेड-2, शारीरिक शिक्षा अध्यापक राजस्थान भूगोल एवं अर्थव्यस्था परीक्षा के लिए नवीनतम सिलेबस पर तैयार की गयी इस पुस्तक में राजस्थान का परिचय, राजस्थान का मानचित्र, राजस्थान भूगोल एवं अर्थव्यस्था विषय को शामिल किया गया है, साथ ही प्रत्येक विषय से संबंधित परीक्षा संबंधी तथ्यों पर आधरित विषय-वस्तु पर व्यापक और विस्तृत सामग्री दी गई है। सरल और सहज भाषा में प्रस्तुत इस पुस्तक की विषय-सामग्री परीक्षार्थियों की विषय संबंधी आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर लिखी गयी है।

पुस्तक की प्रमुख विशेषताएं
नवीनतम सिलेबस एवं परीक्षा पद्धति पर आधारित।
महत्वपूर्ण तथा उपयोगी तथ्यों का संकलन बॉक्स में।
परीक्षार्थियों के अभ्यास हेतु प्रत्येक अध्याय के अंत में प्रश्नोत्तरों का संकलन।
विगत वर्षों के प्रश्नों के व्याख्या सहित उत्तर।
सरल एवं सहज भाषा में पाठ्यक्रम से संबद्ध प्रश्नों का प्रस्तुतीकरण।

विषय सूची
मल्टीकलर मानचित्रिय विश्लेषण
वर्णात्मक मैटर
वस्तुनिष्ठ प्रशोनतर
सामान्य मानचित्र
कुँवर कनक सिंह राव वर्तमान समय में शिक्षा क्षेत्र के शिरोमणि, योग्य, कर्मठ लेखक एवं शिक्षक कुँवर कनक सिंह राव का जन्म राजस्थान के कांठल -- प्रतापगढ़ के पास ठिकाना 'ढलमू' में हुआ था। मात्र 14 वर्ष की उप्र से भी पूर्व वे 'कुँवर क्रांति' के नाम से साहित्य जगत में प्रसिद्ध हो गये और शीघ्र ही अखिल भारतीय कवि के रूप में ख्याति अर्जित की। राष्ट्रीय मंच पर उन्होंने वीर रस के कवि के रूप में प्रसिद्धि प्राप्त की और आशावादी काव्य पाठ कर पाठकों का मन हरते रहे। साहित्य के साथ ही वे आकाशवाणी से भी जुड़े तथा वहाँ पर काव्य पाठ एवं युवाओं के संदर्भ में उनकी वार्ताएँ प्रसारित हुई। साहित्य क्षेत्र के साथ ही वे कालांतर में शैक्षणिक क्षेत्र में भी एक दैदीप्यमान नक्षत्र की भांति अपनी चमक बिखेरते हुए उदित हुए और स्थापित हो गए। स्नातक स्तर के अध्ययन के दौरान विश्वविद्यालय स्तर एवं राज्य स्तरीय वाद-विवाद प्रतियोगिताओं, निबंध लेखन प्रतियोगिताओं तथा विभिन्न खेलकूद प्रतियोगिताओं सहित वे अन्य क्षेत्रों में भी अग्रणी रहे। 1997 में बी.एड. करने के पश्चात्‌ वर्ष 1997-98 में रेलवे स्टेशन मास्टर परीक्षा में वे चयनित हुए। 1998 में राज्य पुलिस उप निरीक्षक परीक्षा उत्तीर्ण की तथा 1999 में ए.ई.सी.एस में प्रारम्भ में टी.जी.टी के रूप में तथा सन्‌ 2000 में इतिहास के प्राध्यापक के रूप में अध्यापन कार्य किया। राजस्थान के युवाओं के मध्य शीघ्र ही उन्होंने इतिहास के अध्यापक के रूप में एक अविस्मरणीय स्थान बनाया जो आज भी यथावत्‌ है। साहित्य लेखन के साथ-साथ लेखन में भी सक्रिय हुए। 2001 से प्रतियोगी परीक्षा की पुस्तकों के लेखन व जयपुर की विभिन्‍न प्रतियोगिता परीक्षा कोचिंग कक्षाओं में सामान्य अध्ययन तथा आई.सी.एस, व आरए,एस, परीक्षा में इतिहास ऐच्छिक विषय के व्याख्याता के रूप में अनवरत शिक्षण कार्य कर रहे हैं। आपने जयपुर के अतिरिक्त कोटा, सीकर, जोधपुर, भीलवाड़ा, प्रतापगढ़ की विभिन्‍न प्रतियोगी शिक्षण संस्थाओं में भी शिक्षण कार्य किया है तथा अपनी योग्यता के प्रकाश से छात्रों के जीवन को मार्ग दिखाया, विषय के सटीक व तथ्यात्मक वर्णन तथा अर्जुन के समान लक्ष्य भेद की नीति पर चलने वाले कुंवर कनक सिंह राव प्रतियोगियों को प्रेरित करने तथा उनमें लक्ष्य को प्राप्त करने का जज्बा पैदा करने में सिद्धस्थ हैं। ई-मेल : kunwarkanak9@gmail.com

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