Chhoti Si Baat | Dayre Two Popular Novels By Rangeya Raghav
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- ISBN13: 9789349116023
- Binding: Paperback
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): Novel
छोटी सी बात उपन्यास एक सामान्य सी, लेकिन गहरे अर्थों से भरपूर कहानी है, जो मानवीय संवेदनाओं, समाज की वास्तविकताओं और व्यक्तिगत संघर्षों पर आधारित है। इस उपन्यास का नाम खुद में ही बहुत कुछ कहता है—यह बताता है कि कभी-कभी जीवन में सबसे छोटी सी बात, सबसे छोटे से पहलू में भी कोई गहरी सच्चाई छिपी होती है।
दायरे उपन्यास राघव की गहरी सोच, समाज की सच्चाई और मानसिक संघर्षों को उजागर करने वाली कृति है। यह उपन्यास पाठकों को समाज, व्यक्तिगत अस्तित्व और आंतरिक संघर्ष के बारे में सोचने पर मजबूर करता है। राघव ने इसे एक संवेदनशील और सामाजिक दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया है, जिसमें व्यक्ति की व्यक्तिगत पहचान, समाज के प्रति उसके विचार और जीवन के संघर्षों को बारीकी से चित्रित किया गया है। यह उपन्यास एक गहरी दार्शनिकता और मानसिकता की ओर पाठक को ले जाता है, जिससे वह समाज की सच्चाई को समझ सके।
दायरे उपन्यास राघव की गहरी सोच, समाज की सच्चाई और मानसिक संघर्षों को उजागर करने वाली कृति है। यह उपन्यास पाठकों को समाज, व्यक्तिगत अस्तित्व और आंतरिक संघर्ष के बारे में सोचने पर मजबूर करता है। राघव ने इसे एक संवेदनशील और सामाजिक दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया है, जिसमें व्यक्ति की व्यक्तिगत पहचान, समाज के प्रति उसके विचार और जीवन के संघर्षों को बारीकी से चित्रित किया गया है। यह उपन्यास एक गहरी दार्शनिकता और मानसिकता की ओर पाठक को ले जाता है, जिससे वह समाज की सच्चाई को समझ सके।
रांगेय राघव
17 जनवरी, 1923 को आगरा में जन्म । मूल नाम टी.एन.वी. आचार्य (तिरुमल्लै नंबाकम् वीर राघव आचार्य) । शिक्षा आगरा में। सेंट जॉन्स कॉलेज से 1944 में स्नातकोत्तर और 1948 में आगरा विश्वविद्यालय से गुरु गोरखनाथ पर पीएच.डी. । हिंदी, अंग्रेजी, ब्रज और संस्कृत भाषाओं पर असाधारण अधिकार। 13 वर्ष की आयु में लेखनारंभ । 23-24 वर्ष में अकालग्रस्त बंगाल की यात्रा के बाद लिखे रिपोर्ताज 'तूफानों के बीच' से चर्चित ।
साहित्य के अतिरिक्त चित्रकला, संगीत और पुरातत्त्व में विशेष रुचि । साहित्य की प्रायः सभी विधाओं में सिद्धहस्त। मात्र 39 वर्ष की आयु में कविता, कहानी, उपन्यास, नाटक, रिपोर्ताज के अतिरिक्त आलोचना, सभ्यता और संस्कृति पर शोध व व्याख्या के क्षेत्रों को 150 से भी अधिक पुस्तकों से समृद्ध किया। अपनी अद्भुत प्रतिभा, असाधारण ज्ञान और लेखन-क्षमता के लिए सर्वमान्य अद्वितीय लेखक । आजीवन स्वतंत्र लेखन । अनेक प्रतिष्ठित सम्मानों से अलंकृत विभिन्न कृतियाँ अन्य भारतीय और विदेशी भाषाओं में अनूदित और प्रशंसित ।
स्मृति शेष : 12 सितंबर, 1962 ।
17 जनवरी, 1923 को आगरा में जन्म । मूल नाम टी.एन.वी. आचार्य (तिरुमल्लै नंबाकम् वीर राघव आचार्य) । शिक्षा आगरा में। सेंट जॉन्स कॉलेज से 1944 में स्नातकोत्तर और 1948 में आगरा विश्वविद्यालय से गुरु गोरखनाथ पर पीएच.डी. । हिंदी, अंग्रेजी, ब्रज और संस्कृत भाषाओं पर असाधारण अधिकार। 13 वर्ष की आयु में लेखनारंभ । 23-24 वर्ष में अकालग्रस्त बंगाल की यात्रा के बाद लिखे रिपोर्ताज 'तूफानों के बीच' से चर्चित ।
साहित्य के अतिरिक्त चित्रकला, संगीत और पुरातत्त्व में विशेष रुचि । साहित्य की प्रायः सभी विधाओं में सिद्धहस्त। मात्र 39 वर्ष की आयु में कविता, कहानी, उपन्यास, नाटक, रिपोर्ताज के अतिरिक्त आलोचना, सभ्यता और संस्कृति पर शोध व व्याख्या के क्षेत्रों को 150 से भी अधिक पुस्तकों से समृद्ध किया। अपनी अद्भुत प्रतिभा, असाधारण ज्ञान और लेखन-क्षमता के लिए सर्वमान्य अद्वितीय लेखक । आजीवन स्वतंत्र लेखन । अनेक प्रतिष्ठित सम्मानों से अलंकृत विभिन्न कृतियाँ अन्य भारतीय और विदेशी भाषाओं में अनूदित और प्रशंसित ।
स्मृति शेष : 12 सितंबर, 1962 ।