Chhoona Hai Aasmaan: Inspiring Story Of Social Worker And Educationist Kanti Singh
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- ISBN13: 9789348957610
- Binding: Hardcover
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): Self-Help Groups
शिक्षा अत्यंत ताकतवर है। किसी निरक्षर को यदि शिक्षा प्रदान की जाए तो न केवल उसकी शारीरिक एवं मानसिक क्षमता बढ़ जाती है, अपितु वह अनेकों लोगों को शिक्षित करने के लिए तैयार हो जाता है। जिस तरह मिट्टी के एक दीपक से लाखों दीपक जलाए जा सकते हैं, उसी तरह एक साधारण शिक्षित व्यक्ति लाखों-करोड़ों लोगों को शिक्षित कर शिक्षा की जोत जला सकता है। अनेक ऐसे महान् व्यक्तित्व देखने को मिलते हैं, जिन्होंने शिक्षा के महत्त्व को समझा और इसे विश्व के कोने-कोने में फैलाने का प्रयास किया। शिक्षा एक ऐसा दीपक है, जो एक बार जल जाए तो हमेशा के लिए अँधकार को जीवन से दूर कर देता है।
जिन देशों में साक्षरता दर अधिक है, वहाँ पर विकास के नए आयाम देखने को मिलते हैं। जीवन का यही उद्देश्य है कि हम पृथ्वी पर ऐसा कुछ करके जाएँ कि हमारे जाने के बाद भी आने वाली पीढ़ी उसे देखकर आगे बढ़ती रहे। शिक्षाविद् कांति सिंहजी ने अपने शिक्षण संस्थानों के माध्यम से शिक्षा की यही जोत फैलाने का कार्य किया है। इस ज्योति से अनेक घर रोशन हुए हैं। शिक्षा के साथ-साथ उन्होंने समाज में फैली अव्यवस्था को भी दूर करने का नेक प्रयत्न किया है। समाज एवं देश में शिक्षा और सुव्यवस्था की क्रांति लाकर वे आसमान छूने को आतुर हैं। इस पुस्तक के माध्यम से पाठकों को शिक्षा के लिए दिशा मिलेगी और वे निरंतर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित होंगे।
जिन देशों में साक्षरता दर अधिक है, वहाँ पर विकास के नए आयाम देखने को मिलते हैं। जीवन का यही उद्देश्य है कि हम पृथ्वी पर ऐसा कुछ करके जाएँ कि हमारे जाने के बाद भी आने वाली पीढ़ी उसे देखकर आगे बढ़ती रहे। शिक्षाविद् कांति सिंहजी ने अपने शिक्षण संस्थानों के माध्यम से शिक्षा की यही जोत फैलाने का कार्य किया है। इस ज्योति से अनेक घर रोशन हुए हैं। शिक्षा के साथ-साथ उन्होंने समाज में फैली अव्यवस्था को भी दूर करने का नेक प्रयत्न किया है। समाज एवं देश में शिक्षा और सुव्यवस्था की क्रांति लाकर वे आसमान छूने को आतुर हैं। इस पुस्तक के माध्यम से पाठकों को शिक्षा के लिए दिशा मिलेगी और वे निरंतर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित होंगे।
रेनू सैनी प्रतिष्ठित लेखिका हैं। लेखन के साथ-साथ उन्होंने अनुवाद, संपादन, मंच संचालन, एंकर, कमेंटेटर के क्षेत्र में भी अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई है। इनकी अनेक महत्त्वपूर्ण आयोजनों-वर्कशॉप में सूत्रधार व सक्रिय भागीदारी रही है। अब तक इनकी 35 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।
'रंगीली, टिक्की और गुल्लू' का भारत की सात भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। 'अपने चाणक्य स्वयं बनें', 'खुशियों की पाठशाला', 'देश-देश की लोककथाएँ' एवं 'कामयाबी के नए 51 सूत्र' इनकी चर्चित कृतियाँ हैं। इन्हें हिंदी अकादमी, दिल्ली सरकार, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार, दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।
इ-मेल : saini.renu830@gmail.com
'रंगीली, टिक्की और गुल्लू' का भारत की सात भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। 'अपने चाणक्य स्वयं बनें', 'खुशियों की पाठशाला', 'देश-देश की लोककथाएँ' एवं 'कामयाबी के नए 51 सूत्र' इनकी चर्चित कृतियाँ हैं। इन्हें हिंदी अकादमी, दिल्ली सरकार, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार, दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।
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