Champa Maa Stories Book
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- ISBN13: 9789392573514
- Binding: Paperback
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): Literature
यह कहानी-संग्रह नई राह का है। इसमें 24 कहानियाँ संकलित हैं। इन सभी कहानियों में लोक झाँकता है। अपने समय से संवाद करना इन कहानियों की सबसे बड़ी विशेषता है। इनमें कहीं राष्ट्र का झरोखा है, कहीं लोक और समाज का। समय का मनुहार करना रचनाकर्म का सर्वश्रेष्ठ प्रतिमान होता है। कहानियों की पात्र संरचना, भाषा और संवाद की प्रकृति मूलतः भारतीय हो, चरित्र अपने हों, प्रकृति अपनी हो, भूमि अपनी हो, इन बातों की संपूर्ति इन कहानियों में स्पष्ट झलकती है। इन कहानियों में पाठकों को एक आस्वाद मिलेगा, ऐसी उम्मीद की जा सकती है। 'शहीद की माँ' एक ऐसी कहानी है, जिसने अपने बलिदानी पुत्र पर आँसू नहीं बहाए।
इसका संकेतार्थ व्यापक भावभूमि पर है। 'वापसी' कहानी परिवार और समाज को संदेश देने वाली कहानी है। 'चिंदी गाँव' में जहाँ सीमावर्ती गाँव की समस्या का चित्रण है, वहीं 'चतुराई' कहानी में परजीवी उत्तम लाल का चरित्र है। संग्रह की अनेक कहानियाँ ऐसी हैं, जो पाठकों में औत्सुक्य भाव बनाए रखने की क्षमता रखती हैं। ये कहानियाँ अपने समय को सहेजती तो हैं ही, उनसे जूझती भी हैं।
इसका संकेतार्थ व्यापक भावभूमि पर है। 'वापसी' कहानी परिवार और समाज को संदेश देने वाली कहानी है। 'चिंदी गाँव' में जहाँ सीमावर्ती गाँव की समस्या का चित्रण है, वहीं 'चतुराई' कहानी में परजीवी उत्तम लाल का चरित्र है। संग्रह की अनेक कहानियाँ ऐसी हैं, जो पाठकों में औत्सुक्य भाव बनाए रखने की क्षमता रखती हैं। ये कहानियाँ अपने समय को सहेजती तो हैं ही, उनसे जूझती भी हैं।
प्रो. त्रिभुवननाथ शुक्ल
जन्म : 13 जुलाई, 1953, मधूका पूरा, करछना, प्रयागराज (उ.प्र.) ।
शैक्षणिक अर्हताएँ : डी.लिट्, पीएच.डी. (हिंदी), एम.ए. (भाषा-विज्ञान), साहित्याचार्य, बी.ए.।
साहित्य की विविध विधाओं की प्रायः पचास पुस्तकें प्रकाशित होकर चर्चित-प्रशंसित ।
सम्मान : विश्व तुलसी सम्मान, तुलसी भारती समलंकरण, सर्वश्रेष्ठ प्राध्यापक सम्मान, आलोचना सम्मान, यास्क पुरस्कार, रवींद्रनाथ टैगोर साहित्य सम्मान, साहित्य अकादमी सम्मान, पं. रामेश्वर शुक्ल 'अंचल' अलंकरण, साहित्य शिरोमणि सारस्वत सम्मान, साहित्याचार्य की मानद उपाधि, सुब्रह्मण्यम भारती सम्मान, आचार्य सेवकेंद्र स्मृति सम्मान, साहित्यभूषण सम्मान, आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी सम्मान, विश्व हिंदी सम्मान।
संप्रति : पूर्व प्रोफेसर एवं अध्यक्ष, हिंदी एवं भाषाविज्ञान विभाग, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर-482001 (म.प्र.) ।
मो.: 9425044685 इ-मेल: tnshukla13@gmail.com
जन्म : 13 जुलाई, 1953, मधूका पूरा, करछना, प्रयागराज (उ.प्र.) ।
शैक्षणिक अर्हताएँ : डी.लिट्, पीएच.डी. (हिंदी), एम.ए. (भाषा-विज्ञान), साहित्याचार्य, बी.ए.।
साहित्य की विविध विधाओं की प्रायः पचास पुस्तकें प्रकाशित होकर चर्चित-प्रशंसित ।
सम्मान : विश्व तुलसी सम्मान, तुलसी भारती समलंकरण, सर्वश्रेष्ठ प्राध्यापक सम्मान, आलोचना सम्मान, यास्क पुरस्कार, रवींद्रनाथ टैगोर साहित्य सम्मान, साहित्य अकादमी सम्मान, पं. रामेश्वर शुक्ल 'अंचल' अलंकरण, साहित्य शिरोमणि सारस्वत सम्मान, साहित्याचार्य की मानद उपाधि, सुब्रह्मण्यम भारती सम्मान, आचार्य सेवकेंद्र स्मृति सम्मान, साहित्यभूषण सम्मान, आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी सम्मान, विश्व हिंदी सम्मान।
संप्रति : पूर्व प्रोफेसर एवं अध्यक्ष, हिंदी एवं भाषाविज्ञान विभाग, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर-482001 (म.प्र.) ।
मो.: 9425044685 इ-मेल: tnshukla13@gmail.com