Brihat Tithi Kosh
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- ISBN13: 9789390378609
- Binding: Paperback
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): Education
तिथियाँ कई कारणों से महत्त्वपूर्ण हैं। वे जीवन को व्यवस्थित करती हैं, विशेष अवसरों का स्मरण करवाती हैं; प्रियजनों के जन्मदिन और विवाह वर्षगाँठ याद रखने में सहायक होती हैं। तिथियाँ अतीत की प्रमुख घटनाओं का स्मरण करवाती हैं, ताकि इनसे हम कुछ सीख ले सकें। साथ ही महत्त्वपूर्ण घटनाएँ व प्रसंग हमें प्रेरित भी करते हैं।
तिथियाँ घटनाओं को कालक्रमानुसार दर्ज करती हैं और इतिहासकारों को उनके बीच के संबंध को समझने में मदद करती हैं।
तिथियाँ उसी दिन घटित पिछली घटनाओं को याद करने में मदद करती हैं। इस पुस्तक में लगभग 15,000 तिथियों का संकलन है। हर माह के प्रत्येक दिन के महत्त्वपूर्ण प्रसंग को इसमें प्रस्तुत किया गया है। तिथि कोश समाज, देश, प्रमुख विभूतियों के जन्म व निर्वाण दिवस, विशेष उपलब्धियों की तिथि आदि बताता है, जिससे न केवल इतिहास के विद्यार्थियों वरन् हर वर्ग के पाठकों का ज्ञानवर्धन होगा।
यह सामान्य पाठकों के साथ ही इतिहास के अध्येताओं, लेखकों और पत्र-पत्रिकाओं के लिए उपयोगी सिद्ध होगी।
तिथियाँ घटनाओं को कालक्रमानुसार दर्ज करती हैं और इतिहासकारों को उनके बीच के संबंध को समझने में मदद करती हैं।
तिथियाँ उसी दिन घटित पिछली घटनाओं को याद करने में मदद करती हैं। इस पुस्तक में लगभग 15,000 तिथियों का संकलन है। हर माह के प्रत्येक दिन के महत्त्वपूर्ण प्रसंग को इसमें प्रस्तुत किया गया है। तिथि कोश समाज, देश, प्रमुख विभूतियों के जन्म व निर्वाण दिवस, विशेष उपलब्धियों की तिथि आदि बताता है, जिससे न केवल इतिहास के विद्यार्थियों वरन् हर वर्ग के पाठकों का ज्ञानवर्धन होगा।
यह सामान्य पाठकों के साथ ही इतिहास के अध्येताओं, लेखकों और पत्र-पत्रिकाओं के लिए उपयोगी सिद्ध होगी।
विजय कुमार
जन्म : 1956 में।
शिक्षा : एम.ए. राजनीति शास्त्र ।
छात्र-जीवन से ही लेखन, संपादन एवं सामाजिक कार्यों में रुचि। आपातकाल में चार माह मेरठ कारावास में रहे।
2000-2008 : सहायक संपादक 'राष्ट्रधर्म' (मासिक) लखनऊ।
2008-2016 : विश्व हिंदू परिषद्, केंद्रीय कार्यालय, दिल्ली में प्रकाशन विभाग से संबद्ध रहे।
2016-2024 : निदेशक, विश्व संवाद केंद्र, देहरादून।
प्रकाशन : छोटी-बड़ी 16 पुस्तकें प्रकाशित। 600 से अधिक लेख, व्यंग्य, निबंध आदि अनेक पत्र-पत्रिकाओं तथा अंतरजाल (इंटरनेट) पर प्रकाशित। नियमित लेखन का क्रम जारी।
साप्ताहिक 'पाञ्चजन्य' में 1992 से निरंतर तीस वर्ष छह पंक्तियों के काव्य- स्तंभ 'प्रशांत वाणी' का प्रकाशन। 2009 से 2016 तक पाक्षिक स्तंभ 'व्यंग्य बाण' भी प्रकाशित हुआ।
पर्यटन मंत्रालय की 'सिंधु दर्शन स्मारिका' में लेह-लद्दाख यात्रा-वृत्तांत प्रकाशित ।
अनेक स्मारिकाओं तथा विशेषांकों के संकलन व संपादन में सहयोग।
संप्रति : माधव सेवा विश्राम सदन, ऋषिकेश।
जन्म : 1956 में।
शिक्षा : एम.ए. राजनीति शास्त्र ।
छात्र-जीवन से ही लेखन, संपादन एवं सामाजिक कार्यों में रुचि। आपातकाल में चार माह मेरठ कारावास में रहे।
2000-2008 : सहायक संपादक 'राष्ट्रधर्म' (मासिक) लखनऊ।
2008-2016 : विश्व हिंदू परिषद्, केंद्रीय कार्यालय, दिल्ली में प्रकाशन विभाग से संबद्ध रहे।
2016-2024 : निदेशक, विश्व संवाद केंद्र, देहरादून।
प्रकाशन : छोटी-बड़ी 16 पुस्तकें प्रकाशित। 600 से अधिक लेख, व्यंग्य, निबंध आदि अनेक पत्र-पत्रिकाओं तथा अंतरजाल (इंटरनेट) पर प्रकाशित। नियमित लेखन का क्रम जारी।
साप्ताहिक 'पाञ्चजन्य' में 1992 से निरंतर तीस वर्ष छह पंक्तियों के काव्य- स्तंभ 'प्रशांत वाणी' का प्रकाशन। 2009 से 2016 तक पाक्षिक स्तंभ 'व्यंग्य बाण' भी प्रकाशित हुआ।
पर्यटन मंत्रालय की 'सिंधु दर्शन स्मारिका' में लेह-लद्दाख यात्रा-वृत्तांत प्रकाशित ।
अनेक स्मारिकाओं तथा विशेषांकों के संकलन व संपादन में सहयोग।
संप्रति : माधव सेवा विश्राम सदन, ऋषिकेश।