Bharatiya Vangmay Evam Kalkram: Kinnar Darshan
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- ISBN13: 9789355623621
- Binding: Paperback
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): History
राम की बधाई परंपरा विधर्मी की चादर से ढक गई है। उस चादर को किस तरीके से हटाया जा सकता है। सनातन धर्म के उन मूल्यों को स्थापित किया जा सकता है, जिन मूल्यों के आधार पर यह परंपरा निरंतर चलती हुई आ रही है। यह परंपरा अब अपराधीकरण और आर्थिक उपार्जन का साधन बन गई है। परंपरा के नाम पर गृहस्थ भाव के व्यक्ति ने तपस्वी भाव को समाप्त कर दिया है। पहचान के संघर्ष को इस तरीके से समाज में ले गए कि आज समुदाय की पहचान समाज में डर की हो गई है।
इस डर को किस तरीके से निकाला जाए। समुदाय को सनातन धर्म की परंपराओं के अनुसार वापस लाया जाए। इसे सिर्फ जीविकोपार्जन के साधन के रूप में समझौतावादी स्थितियों से न गुजारा जाए। इसके लिए किस तरीके से कार्य किया जा सकता है कि किन्नर समुदाय के मठ और मंदिर स्थापित हों और उनमें नशे के आदी और सेलिब्रिटी पहचान की जरूरत वाले व्यक्ति शामिल न हों। पुस्तक को अलग-अलग तरीके से साक्ष्य के साथ प्रस्तुत किया गया है।
किन्नर समुदाय की कला एवं परंपरा को कैसे पुनः स्थापित किया जा सकता है, इस पर भी प्रकाश डाला गया है।
इस डर को किस तरीके से निकाला जाए। समुदाय को सनातन धर्म की परंपराओं के अनुसार वापस लाया जाए। इसे सिर्फ जीविकोपार्जन के साधन के रूप में समझौतावादी स्थितियों से न गुजारा जाए। इसके लिए किस तरीके से कार्य किया जा सकता है कि किन्नर समुदाय के मठ और मंदिर स्थापित हों और उनमें नशे के आदी और सेलिब्रिटी पहचान की जरूरत वाले व्यक्ति शामिल न हों। पुस्तक को अलग-अलग तरीके से साक्ष्य के साथ प्रस्तुत किया गया है।
किन्नर समुदाय की कला एवं परंपरा को कैसे पुनः स्थापित किया जा सकता है, इस पर भी प्रकाश डाला गया है।
रेशमा प्रसाद किन्नर ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों के लिए कार्य करती हैं। सांस्कृतिक स्त्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र नई दिल्ली की अध्यावृत्ति प्राप्त लगातार शोध कार्य कला, संस्कृति एवं समाज विज्ञान के क्षेत्र में कर रही हैं। किन्नर समुदाय को आर्थिक, सामाजिक, शैक्षिक एवं सांस्कृतिक विकास के लिए निरंतर प्रगति के लिए प्रकल्प भी संचालित करती हैं। रेशमा प्रसाद राष्ट्रीय ट्रांसजेंडर परिषद् की विशेषज्ञ सदस्य रहीं।
इस दौरान विकास के नए-नए कदम ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए उठाए हैं। पटना विश्वविद्यालय में सीनेट सदस्य के रूप में महामहिम राज्यपाल बिहार के द्वारा नामित की गई हैं। भारत निर्वाचन आयोग के राष्ट्रीय सलाहकार समिति समावेशी निर्वाचन की सलाहकार सदस्य के रूप में भी कार्य कर रही हैं। ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के कानूनी अधिकारों पर प्रशिक्षण सह संवेदना विभिन्न हितधारकों को प्रदान करती हैं।
गोरखपुर, लखनऊ, पटना आकाशवाणी एवं दूरदर्शन में नाट्य कलाकार के रूप में सूचीबद्ध हैं। हजारों की संख्या में नुक्कड़ नाटक प्रदर्शन भी बिहार राज्य में किया है। 'दोस्तानासफर' नामक सामाजिक संस्थान की संस्थापक के रूप में कार्य करते हुए इसे संचालित भी करती हैं। महिला संबोधन को ही स्वीकार करती है। ट्रांसजेंडर समुदाय के द्वारा संचालित सतरंगी दोस्ताना भोजनालय, पटना की स्थापना भी की है।
इस दौरान विकास के नए-नए कदम ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए उठाए हैं। पटना विश्वविद्यालय में सीनेट सदस्य के रूप में महामहिम राज्यपाल बिहार के द्वारा नामित की गई हैं। भारत निर्वाचन आयोग के राष्ट्रीय सलाहकार समिति समावेशी निर्वाचन की सलाहकार सदस्य के रूप में भी कार्य कर रही हैं। ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के कानूनी अधिकारों पर प्रशिक्षण सह संवेदना विभिन्न हितधारकों को प्रदान करती हैं।
गोरखपुर, लखनऊ, पटना आकाशवाणी एवं दूरदर्शन में नाट्य कलाकार के रूप में सूचीबद्ध हैं। हजारों की संख्या में नुक्कड़ नाटक प्रदर्शन भी बिहार राज्य में किया है। 'दोस्तानासफर' नामक सामाजिक संस्थान की संस्थापक के रूप में कार्य करते हुए इसे संचालित भी करती हैं। महिला संबोधन को ही स्वीकार करती है। ट्रांसजेंडर समुदाय के द्वारा संचालित सतरंगी दोस्ताना भोजनालय, पटना की स्थापना भी की है।