Bharat Vibhajan Aur Pakistan Ke Shad‍yantra

Bharat Vibhajan Aur Pakistan Ke Shad‍yantra

by Balbir Dutt

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  • ISBN13: 9789355214683
  • Binding: Paperback
  • Publisher: Prabhat Prakashan
  • Publisher Imprint: NA
  • Pages: NA
  • Language: Hindi
  • Edition: NA
  • Item Weight: 500
  • BISAC Subject(s): Literature & Fiction
इतिहास बताता है कि ऐसे राष्ट्र, जो अपने हालिया अतीत को याद नहीं रखते, उनके यहाँ उसी त्रासदी की पुनरावृत्ति का खतरा उत्पन्न हो जाता है, जिसके दौर से कोई पीडि़त राष्ट्र गुजर चुका होता है। इसीलिए कहा गया है कि वर्तमान परिदृश्य को सही ढंग से समझने के लिए इतिहास में झाँकना जरूरी है। हम देश विभाजन की विभीषिका को कभी भूल नहीं सकते। दरअसल भारत विभाजन भारत की आजादी से भी बड़ी घटना है। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद भारत को तो देर-सवेर आजाद होना ही था।


अंग्रेजों के महाषड्यंत्र की उपज पाकिस्तान ने वजूद में आते ही भारत के विरुद्ध षड्यंत्र रचने आरंभ कर दिए। पाकिस्तान ने भारत के साथ आमने-सामने की लड़ाइयों में कामयाबी नहीं मिलने पर जनरल जिया की रणनीति के अनुसार भारत को हजार जख्मों से लहूलुहान करने की नीति अपनाई, जिसका वह आज भी अनुसरण कर रहा है। लेकिन नफरत और खूंरेजी से उत्पन्न यह मुल्क उसी नफरत और खून-खराबे का शिकार हो गया है, जिसमें उसका जन्म हुआ था। षड्यंत्ररचनाशास्त्र और आतंकवाद में पाकिस्तान के आकाओं ने जो महारथ हासिल की है, उसकी तह में जाने की जरूरत है।


तथ्यान्वेषण पर आधारित यह पुस्तक पाकिस्तान की सोच और उसकी कारस्तानियों को समझने में उपयोगी सिद्ध होगी। इससे यह भी पता चलेगा कि किस प्रकार पाकिस्तान अपने ही कपाल पर हथौड़ा मार रहा है।

लेखक-पत्रकार बलबीर दत्त का जन्म अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के रावलपिंडी नगर में हुआ। विगत आधी सदी से भी अधिक समय से वे हिंदी और अंग्रेजी के राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर के कई समाचार-पत्रों और पत्रिकाओं के नियमित लेखक और स्तंभकार के रूप में लेखन कार्य में सक्रिय हैं। अब तक 9000 से अधिक संपादकीय लेख, निबंध और टिप्पणियों का प्रकाशन हो चुका है। श्री दत्त ‘साउथ एशिया फ्री मीडिया एसोसिएशन’ की कार्यकारिणी के सदस्य रहे। ‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ व ‘नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स’ के सदस्य हैं। अखिल भारतीय साहित्य परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे। बहुचर्चित पुस्तकों ‘कहानी झारखंड आंदोलन की’, ‘सफरनामा पाकिस्तान’, ‘जयपाल सिंह : एक रोमांचक अनकही कहानी’ और ‘इमरजेंसी का कहर और सेंसर का जहर’ के लेखक। पत्रकारिता के सिलसिले में अनेक देशों की यात्राएँ।

पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए पद्मश्री पुरस्कार, राष्ट्रीय पत्रकारिता कल्याण ट्रस्ट द्वारा राष्ट्रीय पत्रकारिता पुरस्कार, विश्व संवाद केंद्र द्वारा पत्रकारिता शिखर सम्मान, झारखंड सरकार द्वारा लाइफ टाइम एचीवमेंट अवार्ड, साईनाथ यूनिवर्सिटी द्वारा झारखंड गौरव सम्मान व क्लीन मीडिया फाउंडेशन द्वारा महानायक शारदा सम्मान पुरस्कार प्राप्त।

संप्रति : हिंदुस्थान समाचार निदेशक मंडल के सदस्य और दैनिक ‘देश प्राण’ के निदेशक/संपादक।

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