Bharat Muni Ka Natyashastra
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- ISBN13: 9789355627018
- Binding: Paperback
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): Religion & Spirituality
भरत मुनि का नाट्यशास्त्र विश्व वाङ्मय की अनमोल धरोहरों में प्रमुख है। दर्शन, ललितकला और अध्यात्म जैसे गूढ़ विषयों के विश्लेषण हेतु इस महान् शास्त्र की रचना की गई। नृत्य और नाट्यकला के अंतर्गत जितने अंग-उपांग आते हैं, उनका सधा हुआ अत्यंत सूक्ष्म विश्लेषण भरत मुनि ने अपने नाट्यशास्त्र में किया है। कथा, संवाद, अभिनय, वेशभूषा, अंग संचालन, मुखमुद्राएँ, भाव, रस आदि से लेकर स्थान, पर्यावरण, दृश्यबंध की विशिष्टताओं पर सूक्ष्म दृष्टि डाली गई है।
नाट्य नृत्य, नृत्त या नाटक की सूक्ष्मताओं की अभिव्यक्ति करता है और शास्त्र की विज्ञानसम्मत अवधारणा की पुष्टि करता है। आज के युग में भी इस ग्रंथ की प्रासंगिकता निर्विवाद है। आधुनिक रंगमंच, सिनेमा अथवा नृत्य की विविध विधाओं के क्षेत्र में आज भी भरत मुनि के नाट्यशास्त्र को सर्वाधिक प्रामाणिक ग्रंथ के रूप में जाना जाता है।
ब्रह्मा के निर्देश पर वेदों के सार तत्त्व से जुड़े इस ग्रंथ की रचना की गई, जिससे मनुष्य मात्र को सात्त्विक आह्लाद की प्राप्ति हो सके।
यूनेस्को ने भरत मुनि के नाट्यशास्त्र को विश्व गरिमा प्रदान की है। विद्यालयों-महाविद्यालयों के विविध पाठ्यक्रमों में इस ग्रंथ को साम्मिलित किया गया है। ताकि इस श्रेष्ठतम सांस्कृतिक ग्रंथ से नई पीढ़ी की पहचान हो सके।
अस्तु, भरत मुनि का नाट्यशास्त्र हमारी ज्ञान धरोहर है, हमारे कलाधर्म के उत्कर्ष का प्रामाणिक ग्रंथ है।
नाट्य नृत्य, नृत्त या नाटक की सूक्ष्मताओं की अभिव्यक्ति करता है और शास्त्र की विज्ञानसम्मत अवधारणा की पुष्टि करता है। आज के युग में भी इस ग्रंथ की प्रासंगिकता निर्विवाद है। आधुनिक रंगमंच, सिनेमा अथवा नृत्य की विविध विधाओं के क्षेत्र में आज भी भरत मुनि के नाट्यशास्त्र को सर्वाधिक प्रामाणिक ग्रंथ के रूप में जाना जाता है।
ब्रह्मा के निर्देश पर वेदों के सार तत्त्व से जुड़े इस ग्रंथ की रचना की गई, जिससे मनुष्य मात्र को सात्त्विक आह्लाद की प्राप्ति हो सके।
यूनेस्को ने भरत मुनि के नाट्यशास्त्र को विश्व गरिमा प्रदान की है। विद्यालयों-महाविद्यालयों के विविध पाठ्यक्रमों में इस ग्रंथ को साम्मिलित किया गया है। ताकि इस श्रेष्ठतम सांस्कृतिक ग्रंथ से नई पीढ़ी की पहचान हो सके।
अस्तु, भरत मुनि का नाट्यशास्त्र हमारी ज्ञान धरोहर है, हमारे कलाधर्म के उत्कर्ष का प्रामाणिक ग्रंथ है।
शालीना चतुर्वेदी
विगत तीन दशकों से झारखंड की संसाधनहीन जनजातीय बालिकाओं को 'शुभ संस्कार क्रिएटिव डांस अकादमी' के माध्यम से निःशुल्क कथक नृत्य प्रशिक्षण । सी.सी.आर.टी. से सीनियर फैलोशिप प्राप्त। देश-विदेश में भारतीय संस्कृति और वाङ्मय पर केंद्रित नृत्य की प्रस्तुतियाँ। दुर्गा सप्तशती, शिव तांडव, गीत गोविंद, राम की शक्ति पूजा, कृष्ण का विराट् स्वरूप, वीरांगना सिनगी दई, कथा कथक की, नारी शक्ति जैसी नृत्य-नाटिकाओं का निर्देशन।
भारतीय कला और संस्कृति के प्रचार-प्रसार हेतु देश-विदेश में भ्रमण । देश के महत्त्वपूर्ण शिक्षण संस्थानों में कला-साहित्य संबंधी व्याख्यान। जी-20 संस्कृत सम्मेलन, श्रीराममंदिर उद्घाटन, विंध्य महोत्सव, महाकुंभ आदि में नृत्य प्रस्तुति ।
विगत तीन दशकों से झारखंड की संसाधनहीन जनजातीय बालिकाओं को 'शुभ संस्कार क्रिएटिव डांस अकादमी' के माध्यम से निःशुल्क कथक नृत्य प्रशिक्षण । सी.सी.आर.टी. से सीनियर फैलोशिप प्राप्त। देश-विदेश में भारतीय संस्कृति और वाङ्मय पर केंद्रित नृत्य की प्रस्तुतियाँ। दुर्गा सप्तशती, शिव तांडव, गीत गोविंद, राम की शक्ति पूजा, कृष्ण का विराट् स्वरूप, वीरांगना सिनगी दई, कथा कथक की, नारी शक्ति जैसी नृत्य-नाटिकाओं का निर्देशन।
भारतीय कला और संस्कृति के प्रचार-प्रसार हेतु देश-विदेश में भ्रमण । देश के महत्त्वपूर्ण शिक्षण संस्थानों में कला-साहित्य संबंधी व्याख्यान। जी-20 संस्कृत सम्मेलन, श्रीराममंदिर उद्घाटन, विंध्य महोत्सव, महाकुंभ आदि में नृत्य प्रस्तुति ।