Bharat Ka Nav-Nirman
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- ISBN13: 9789386231932
- Binding: Paperback
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): General
छह विभिन्न शीर्षकों में विभक्त प्रस्तुत पुस्तक ‘भारत का नव निर्माण’ सुरेश रूँगटा द्वारा समयसमय पर विभिन्न पत्रों में लिखे गए सारगर्भित लेखों का संकलन है। इन आलेखों में पिछले तीनचार वर्षों के दौरान राज्य के अलावा राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुए बुनियादी एवं सुधारवादी परिवर्तनों का विस्तार से विवरण है। ज्वलंत विषयों तथा घटनाओं, खासकर आर्थिक, सामाजिक एवं राजनैतिक समस्याओं पर आधिकारिक ढंग से गहन एवं निष्पक्ष चिंतन और विवेचन के साथ उसके उचित समाधान के तर्कसम्मत सुझाव प्रस्तुत किए गए हैं।
मूल रूप से पुस्तक का आलोच्य विषय है—भारत का पुनरुत्थान—भौतिक एवं बौद्धिक स्तरों पर। भारत एवं हिंदुत्व के विरुद्ध फैलाई जा रही भ्रांति एवं अनर्गल प्रवादों का परदाफाश करके रूँगटाजी ने लोकोपयोगी काम किया है। कृषिसमस्या, भूमिअधिग्रहण, पर्यावरण की रक्षा, खाद्यसुरक्षा, गरीबों की बैंक तक पहुँच एवं कालेधन और भ्रष्टाचार की विदाई के अलावा विकास के पैमाने की विकृति और नैतिकता से बढ़ती हुई दूरी आदि से संबंधित लेख भी पुस्तक में संकलित हैं। निस्संशय सामयिक विषयों पर तटस्थ भाव से विवेचन पुस्तक की सार्थकता है।
भारत के नवनिर्माण तथा स्वर्णिमउज्ज्वल भविष्य के लिए जिस मनःस्थिति और कार्यकलापों की आज आवश्यकता
है, उनपर केंद्रित हैं इस पुस्तक के
पठनीय लेख।
मूल रूप से पुस्तक का आलोच्य विषय है—भारत का पुनरुत्थान—भौतिक एवं बौद्धिक स्तरों पर। भारत एवं हिंदुत्व के विरुद्ध फैलाई जा रही भ्रांति एवं अनर्गल प्रवादों का परदाफाश करके रूँगटाजी ने लोकोपयोगी काम किया है। कृषिसमस्या, भूमिअधिग्रहण, पर्यावरण की रक्षा, खाद्यसुरक्षा, गरीबों की बैंक तक पहुँच एवं कालेधन और भ्रष्टाचार की विदाई के अलावा विकास के पैमाने की विकृति और नैतिकता से बढ़ती हुई दूरी आदि से संबंधित लेख भी पुस्तक में संकलित हैं। निस्संशय सामयिक विषयों पर तटस्थ भाव से विवेचन पुस्तक की सार्थकता है।
भारत के नवनिर्माण तथा स्वर्णिमउज्ज्वल भविष्य के लिए जिस मनःस्थिति और कार्यकलापों की आज आवश्यकता
है, उनपर केंद्रित हैं इस पुस्तक के
पठनीय लेख।
जन्म : 1955, पटना सिटी।
शिक्षा : स्नातकोत्तर, (वाणिज्य) पटना विश्वविद्यालय प्रथम श्रेणी।
कृतित्व : बाल्यकाल से संघ के स्वयंसेवक। 1974 के छात्र आंदोलन में सक्रिय भागीदारी, जेलयात्रा। सन् 2012 में ‘बीते दशक की देशदशा एवं वर्तमान चुनौतियाँ’ पुस्तक प्रकाशित।
मगध स्टॉक एक्सचेंज के पूर्व अध्यक्ष। कई सामाजिक, सांस्कृतिक एवं साहित्यिक संस्थाओं से संबद्ध।
मोहन वीणा (हवाई गिटार), अध्यात्म एवं दर्शनशास्त्र की पुस्तकें पढ़ना, डाक टिकट संग्रह एवं पेंटिंग में विशेष अभिरुचि।
संप्रति : भारतीय जनता पार्टी, बिहार के प्रवक्ता।
शिक्षा : स्नातकोत्तर, (वाणिज्य) पटना विश्वविद्यालय प्रथम श्रेणी।
कृतित्व : बाल्यकाल से संघ के स्वयंसेवक। 1974 के छात्र आंदोलन में सक्रिय भागीदारी, जेलयात्रा। सन् 2012 में ‘बीते दशक की देशदशा एवं वर्तमान चुनौतियाँ’ पुस्तक प्रकाशित।
मगध स्टॉक एक्सचेंज के पूर्व अध्यक्ष। कई सामाजिक, सांस्कृतिक एवं साहित्यिक संस्थाओं से संबद्ध।
मोहन वीणा (हवाई गिटार), अध्यात्म एवं दर्शनशास्त्र की पुस्तकें पढ़ना, डाक टिकट संग्रह एवं पेंटिंग में विशेष अभिरुचि।
संप्रति : भारतीय जनता पार्टी, बिहार के प्रवक्ता।