Bharat 2047
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- ISBN13: 9789355620026
- Binding: Paperback
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): Literature & Fiction
दीर्घकाल तक भारतवर्ष का विश्व के श्रेष्ठ राष्ट्रों में सम्मानित स्थान था। कालांतर में आक्रांताओं के कारण भारत की प्रतिष्ठा धूमिल हुई। स्वाधीनता के पश्चात् देश का पुनरुत्थान एवं विकास तीक्रगति से हुआ है। स्वाधीनता के 75 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आगामी 25 वर्षों के पश्चात् अर्थात् स्वाधीनता के 100वें वर्ष में भारत कैसा होगा? कैसा होना चाहिए? हमारे संकल्प कया हैं ? ये सब संवाद एवं विमर्श इस पुस्तक का मुख्य विषय है, जिसमें राष्ट्र जीवन के विभिन्न आयामों पर बुद्धिशील वर्ग के 16 प्रतिनिधियों ने सपनों के भारत और संभावित वास्तविकता पर लेखन के माध्यम से संवाद किया है। ग्रामीण जीवन से लेकर वैश्विक भारत, धर्म-संस्कृति के साथ-साथ टेक्नोलॉजी, वित्तीय व्यवस्थाओं व राष्ट्रीय सुरक्षा आदि से संबंधित 100 वर्ष की आयु के भारत के स्वरूप की कल्पना शब्दों के माध्यम से प्रस्तुत की गई है। कुल मिलाकर भारतीय समाज का सामूहिक सपना इन प्रकाशनों में प्रस्तुत है। पंचनद शोध संस्थान द्वारा आयोजित इस संवाद में राष्ट्र के बौद्धिक योद्धाओं ने मन की बात की है। संस्थान मानता है कि आलेखों में केवल सपना या कल्पना नहीं है, इसे कार्ययोजना भी माना जा सकता है।
प्रो. बृज किशोर कुठियाला
व्यवसाय से अध्यापक, स्वभाव से चिंतक व कर्म से सामाजिक कार्यकर्ता प्रो. बृुज किशोर कुठियाला भारतीय समाज के पारस्परिक संवाद को प्रोत्साहित करने व शोध आधारित राष्ट्रहित के विचारों को प्रस्थापित करने में संलग्न हैं। हिमालय की छत्र-छाया में पले-बढ़े प्रो. कुठियाला ने स्नातक शिमला एवं स्नातकोत्तर पंजाब विश्वविध्यालय से किया है। वह फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान, पुणे और भारतीय जन- संचार संस्थान, नई दिल्ली से प्रशिक्षित हैं । विगत 51 वर्षों से मीडिया की शिक्षा व शैक्षणिक प्रबंधन में कार्यरत हैं । औपचारिक सेवानिवृत्ति के पश्चात् भी वे राष्ट्र सेवाकार्य में सक्रिय हैं । हिंदी एवं अंग्रेजी भाषाओं में उनके विचार लेखों, अध्यायों व पुस्तकों के रूप में उपलब्ध हैं। उन्होंने फील्ड इन्वेस्टीगेटर से प्रारंभ करके उच्च शिक्षा में लगभग सभी दायित्वों का निर्वहन किया है। कुलपति के नाते 8 वर्ष के कार्यकाल में उन्हें *संस्था निर्माता' के रूप में ख्याति प्राप्त हुई। प्रो. कुठियाला ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नीति- निर्धारण का राष्ट्रीय व प्रांतीय स्तर पर दायित्वों का सफल निर्वहन किया है। संप्रति हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद् के अध्यक्ष हैं। 74 वर्ष के प्रो. कुठियाला 'सीनियर टीनएजर ' के रूप में जाने जाते हैं ।
व्यवसाय से अध्यापक, स्वभाव से चिंतक व कर्म से सामाजिक कार्यकर्ता प्रो. बृुज किशोर कुठियाला भारतीय समाज के पारस्परिक संवाद को प्रोत्साहित करने व शोध आधारित राष्ट्रहित के विचारों को प्रस्थापित करने में संलग्न हैं। हिमालय की छत्र-छाया में पले-बढ़े प्रो. कुठियाला ने स्नातक शिमला एवं स्नातकोत्तर पंजाब विश्वविध्यालय से किया है। वह फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान, पुणे और भारतीय जन- संचार संस्थान, नई दिल्ली से प्रशिक्षित हैं । विगत 51 वर्षों से मीडिया की शिक्षा व शैक्षणिक प्रबंधन में कार्यरत हैं । औपचारिक सेवानिवृत्ति के पश्चात् भी वे राष्ट्र सेवाकार्य में सक्रिय हैं । हिंदी एवं अंग्रेजी भाषाओं में उनके विचार लेखों, अध्यायों व पुस्तकों के रूप में उपलब्ध हैं। उन्होंने फील्ड इन्वेस्टीगेटर से प्रारंभ करके उच्च शिक्षा में लगभग सभी दायित्वों का निर्वहन किया है। कुलपति के नाते 8 वर्ष के कार्यकाल में उन्हें *संस्था निर्माता' के रूप में ख्याति प्राप्त हुई। प्रो. कुठियाला ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नीति- निर्धारण का राष्ट्रीय व प्रांतीय स्तर पर दायित्वों का सफल निर्वहन किया है। संप्रति हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद् के अध्यक्ष हैं। 74 वर्ष के प्रो. कुठियाला 'सीनियर टीनएजर ' के रूप में जाने जाते हैं ।