Bachpan Aur School Ki Meethi-Meethi Kahaniyan
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- ISBN13: 9788199193802
- Binding: Paperback
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): Child Studies
स्कूल विद्यार्थी के जीवन का सबसे स्वर्णिम दौर है। जिंदगी की आधारशिला है। स्कूल के माध्यम से ही एक छोटा बच्चा अनुशासन, एकता एवं शिक्षा से परिचित होता है। पढ़ते-पढ़ाते समय अनेक ऐसी घटनाएँ घटित होती हैं, जो सभी विद्यार्थियों का न केवल ज्ञानवर्धन करती हैं अपितु उनका मनोरंजन भी करती हैं। ये खट्टी-मीठी घटनाएँ बच्चे के मन-मस्तिष्क को विकसित करती हैं।
स्कूल में जाने-अनजाने हो जाने वाली गलतियों के माध्यम से ही बच्चे चीजों को सही करना सीखते हैं। शिक्षक-शिक्षिकाएँ विद्यार्थियों को सही ज्ञान प्रदान करती हैं, उन्हें मिल-जुलकर रहना सिखाती हैं। विद्यार्थी जीवन में ही बच्चे भोजन, वस्तुएँ आदि बाँटते हैं। स्कूल विद्यार्थी के जीवन का ऐसा गहना है, जो जीवन भर ज्ञान के रूप में उसके पास सुरक्षित रहता है। शिक्षा व्यक्ति को यही सिखाती है कि उठना-गिरना जीवन का अनिवार्य हिस्सा है।
जब हम शिखर पर चढ़ें तो अभिमान से दूसरे को नीचा न दिखाएँ; जब हम गिर जाएँ तो समझदारी और बुद्धि से स्वयं को ऊपर उठाएँ। समय सदैव एक सा नहीं रहता। ये स्कूली कहानियाँ प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का एक अटूट हिस्सा हैं। जो अभी विद्यार्थी हैं, उनके लिए तो हैं ही। उनके साथ-साथ उन सब व्यक्तियों के लिए हैं, जो स्कूल का हिस्सा बनकर वर्तमान समय में अपने-अपने कार्यों में लगे हैं। ये कहानियाँ न केवल स्कूली जीवन के दर्शन कराएँगी, बल्कि चेहरे पर हँसी-मुसकराहट और खुशी भी लेकर आएँगी।
स्कूल में जाने-अनजाने हो जाने वाली गलतियों के माध्यम से ही बच्चे चीजों को सही करना सीखते हैं। शिक्षक-शिक्षिकाएँ विद्यार्थियों को सही ज्ञान प्रदान करती हैं, उन्हें मिल-जुलकर रहना सिखाती हैं। विद्यार्थी जीवन में ही बच्चे भोजन, वस्तुएँ आदि बाँटते हैं। स्कूल विद्यार्थी के जीवन का ऐसा गहना है, जो जीवन भर ज्ञान के रूप में उसके पास सुरक्षित रहता है। शिक्षा व्यक्ति को यही सिखाती है कि उठना-गिरना जीवन का अनिवार्य हिस्सा है।
जब हम शिखर पर चढ़ें तो अभिमान से दूसरे को नीचा न दिखाएँ; जब हम गिर जाएँ तो समझदारी और बुद्धि से स्वयं को ऊपर उठाएँ। समय सदैव एक सा नहीं रहता। ये स्कूली कहानियाँ प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का एक अटूट हिस्सा हैं। जो अभी विद्यार्थी हैं, उनके लिए तो हैं ही। उनके साथ-साथ उन सब व्यक्तियों के लिए हैं, जो स्कूल का हिस्सा बनकर वर्तमान समय में अपने-अपने कार्यों में लगे हैं। ये कहानियाँ न केवल स्कूली जीवन के दर्शन कराएँगी, बल्कि चेहरे पर हँसी-मुसकराहट और खुशी भी लेकर आएँगी।
स्कूल विद्यार्थी के जीवन का सबसे स्वर्णिम दौर है। जिंदगी की आधारशिला है। स्कूल के माध्यम से ही एक छोटा बच्चा अनुशासन, एकता एवं शिक्षा से परिचित होता है। पढ़ते-पढ़ाते समय अनेक ऐसी घटनाएँ घटित होती हैं, जो सभी विद्यार्थियों का न केवल ज्ञानवर्धन करती हैं अपितु उनका मनोरंजन भी करती हैं। ये खट्टी-मीठी घटनाएँ बच्चे के मन-मस्तिष्क को विकसित करती हैं।
स्कूल में जाने-अनजाने हो जाने वाली गलतियों के माध्यम से ही बच्चे चीजों को सही करना सीखते हैं। शिक्षक-शिक्षिकाएँ विद्यार्थियों को सही ज्ञान प्रदान करती हैं, उन्हें मिल-जुलकर रहना सिखाती हैं। विद्यार्थी जीवन में ही बच्चे भोजन, वस्तुएँ आदि बाँटते हैं। स्कूल विद्यार्थी के जीवन का ऐसा गहना है, जो जीवन भर ज्ञान के रूप में उसके पास सुरक्षित रहता है। शिक्षा व्यक्ति को यही सिखाती है कि उठना-गिरना जीवन का अनिवार्य हिस्सा है।
जब हम शिखर पर चढ़ें तो अभिमान से दूसरे को नीचा न दिखाएँ; जब हम गिर जाएँ तो समझदारी और बुद्धि से स्वयं को ऊपर उठाएँ। समय सदैव एक सा नहीं रहता। ये स्कूली कहानियाँ प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का एक अटूट हिस्सा हैं। जो अभी विद्यार्थी हैं, उनके लिए तो हैं ही। उनके साथ-साथ उन सब व्यक्तियों के लिए हैं, जो स्कूल का हिस्सा बनकर वर्तमान समय में अपने-अपने कार्यों में लगे हैं। ये कहानियाँ न केवल स्कूली जीवन के दर्शन कराएँगी, बल्कि चेहरे पर हँसी-मुसकराहट और खुशी भी लेकर आएँगी।
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जब हम शिखर पर चढ़ें तो अभिमान से दूसरे को नीचा न दिखाएँ; जब हम गिर जाएँ तो समझदारी और बुद्धि से स्वयं को ऊपर उठाएँ। समय सदैव एक सा नहीं रहता। ये स्कूली कहानियाँ प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का एक अटूट हिस्सा हैं। जो अभी विद्यार्थी हैं, उनके लिए तो हैं ही। उनके साथ-साथ उन सब व्यक्तियों के लिए हैं, जो स्कूल का हिस्सा बनकर वर्तमान समय में अपने-अपने कार्यों में लगे हैं। ये कहानियाँ न केवल स्कूली जीवन के दर्शन कराएँगी, बल्कि चेहरे पर हँसी-मुसकराहट और खुशी भी लेकर आएँगी।