Azim Premji Ki Biography
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- ISBN13: 9789395386296
- Binding: Paperback
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): Biography
भारतीय व्यापार-जगत के एक चमकते सितारे अजीम प्रेमजी सफल व्यापारी, आई.टी. उद्योग के सिरमौर और निवेशक हैं, जिन्होंने अपने अद्भुत कर्तृत्व से सफलता का नया इतिहास लिखा है। भारत सरकार द्वारा ‘पद्म विभूषण’, ‘पदम भूषण’ तथा अनेक प्रतिष्ठित सम्मानों से अलंकृत अजीम प्रेमजी को ‘टाइम’ मैगजीन ने उन्हें दो बार 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल किया है। 1960 के दशक में जब विप्रो ने उपभोक्ता स्वास्थ्य उद्योग से हाई-टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में नई पारी की शुरुआत की तो अजीम प्रेमजी ने उसे सफलता दिलाई।
व्यापारिक सफलता पाकर उन्होंने भारत की सनातन परंपरा ‘लोकोपकार’ को पुष्ट किया। ‘गिविंग प्लेज’ पर साइन किया है। परोपकार के लिए जाना जाता है। प्रेमजी ने ‘अजीम प्रेमजी फाउंडेशन’ को 2.2 बिलियन अमरीकी डॉलर का दान दिया है। शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने अद्वितीय काम किए हैं और एक ‘साक्षर भारत’ बनने की यात्रा में अपना अपूर्व योगदान किया है।
उद्यमशीलता, नेतृत्व, कौशल, प्रशासनिक दक्षता, सहृदयता और परोपकार के प्रतीक अजीम प्रेमजी ने अपार धन-समृद्धि अर्जित की, पर मुक्त हाथों से उसे समाज को लौटाया भी।
एक यशस्वी, लोककल्याणकारी व्यक्तित्व की यह प्रेरक जीवनगाथा समाज को मानवीयता और देने का महत्त्व बताएगी।
व्यापारिक सफलता पाकर उन्होंने भारत की सनातन परंपरा ‘लोकोपकार’ को पुष्ट किया। ‘गिविंग प्लेज’ पर साइन किया है। परोपकार के लिए जाना जाता है। प्रेमजी ने ‘अजीम प्रेमजी फाउंडेशन’ को 2.2 बिलियन अमरीकी डॉलर का दान दिया है। शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने अद्वितीय काम किए हैं और एक ‘साक्षर भारत’ बनने की यात्रा में अपना अपूर्व योगदान किया है।
उद्यमशीलता, नेतृत्व, कौशल, प्रशासनिक दक्षता, सहृदयता और परोपकार के प्रतीक अजीम प्रेमजी ने अपार धन-समृद्धि अर्जित की, पर मुक्त हाथों से उसे समाज को लौटाया भी।
एक यशस्वी, लोककल्याणकारी व्यक्तित्व की यह प्रेरक जीवनगाथा समाज को मानवीयता और देने का महत्त्व बताएगी।
मेरठ (उ.प्र.) में जनमे ए.के. गांधी वरिष्ठ लेखक तथा अनुवादक हैं। उन्होंने अनेक पुस्तकों की रचना तथा अनुवाद किया है। सन 1995 में भारतीय वायु सेना से सेवानिवृत्ति के बाद से ही स्वतंत्र रूप से यह कार्य कर रहे हैं। उनकी इतिहास, राजनीति विज्ञान तथा व्याकरण विषयक अनेक लोकप्रिय पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। उन्हें शोधपरक पुस्तकों के लिए जाना जाता है। उनकी भाषा आम आदमी से सीधा जुड़ाव करती है। उन्होंने सी.बी.एस.ई. माध्यम विद्यालयों के लिए भी अनेक पुस्तकों की रचना की है। इसके अतिरिक्त उनके लेख समाचार-पत्रों तथा पत्रिकाओं में भी नियमित छपते हैं। वे दो ब्लॉग भी चलाते हैं, जिनमें से meerut-amazing.blogspot.in उनके नगर की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के प्रति समर्पित है तथा writerakgandhi.blogspot.in छात्रों की विभिन्न प्रकार से सहायता के लिए है। अपने सामाजिक तथा लेखन कार्य के लिए उन्हें मेरठ सांस्कृतिक मंच द्वारा ‘ज्ञानदीप पुरस्कार’ से सम्मानित किया जा चुका है। वह प्रधानमंत्री युवा मेंटोरशिप योजना के मेंटोर हैं।