Ajit Kumar Ki Lokpriya Kahaniyan
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- ISBN13: 9789355621474
- Binding: Paperback
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): Literature
अजितजी की कहानियों का यह संकलन उनकी सतत रचनाशीलता का गवाह है। इन कहानियों से गुजरते हुए उनकी रचना-प्रक्रिया का, उनके रचनाशिल्प का तथा कुछ रचनाओं में उनके विचार-पक्ष का भी दिग्दर्शन होता है। 'बात बोलेगी, हम नहीं' की तर्ज पर इन संकेत-सूत्रों से अजितजी की कथा-रचनाशीलता के विविध आयामों का पता खोजने की छोटी सी कोशिश की गई है।
संग्रह में कुल डेढ़ दर्जन कहानियाँ हैं। कहानियों की विषयवस्तु मूलतः दैनिक जीवन से जुड़ी है। इस संग्रह को पढ़ते हुए ऐसा लगता है कि ये कृत्रिम कहानियाँ नहीं हैं। वास्तव में कुछ तो इस तरह की हैं कि आपको लगे कि अरे, यह तो रोज मेरे घर में भी होता है। पाठकों से तादात्म्य बनाने के लिए कहानी के विषय का चुनाव बहुत महत्त्वपूर्ण है। अत्यंत सरल एवं सहज विषयों पर लगभग कही जाने वाली शैली में लिखी ये कहानियाँ खूब पठनीय बन पड़ी हैं।
कुल मिलाकर संग्रह अपने नाम की सार्थकता सिद्ध करता है। ये कुछ कहानियाँ हैं, जो अपने समय में छपकर लोकप्रिय हुईं। इनकी लोकप्रियता के पीछे अजितजी की कहानी कहने की कला, विषयों का चुनाव और उनकी भाषा-शैली का योगदान तो था ही, साथ ही उनकी सूक्ष्म अवलोकन क्षमता और सहज बोध का भी उतना ही योगदान रहा।
संग्रह में कुल डेढ़ दर्जन कहानियाँ हैं। कहानियों की विषयवस्तु मूलतः दैनिक जीवन से जुड़ी है। इस संग्रह को पढ़ते हुए ऐसा लगता है कि ये कृत्रिम कहानियाँ नहीं हैं। वास्तव में कुछ तो इस तरह की हैं कि आपको लगे कि अरे, यह तो रोज मेरे घर में भी होता है। पाठकों से तादात्म्य बनाने के लिए कहानी के विषय का चुनाव बहुत महत्त्वपूर्ण है। अत्यंत सरल एवं सहज विषयों पर लगभग कही जाने वाली शैली में लिखी ये कहानियाँ खूब पठनीय बन पड़ी हैं।
कुल मिलाकर संग्रह अपने नाम की सार्थकता सिद्ध करता है। ये कुछ कहानियाँ हैं, जो अपने समय में छपकर लोकप्रिय हुईं। इनकी लोकप्रियता के पीछे अजितजी की कहानी कहने की कला, विषयों का चुनाव और उनकी भाषा-शैली का योगदान तो था ही, साथ ही उनकी सूक्ष्म अवलोकन क्षमता और सहज बोध का भी उतना ही योगदान रहा।
नाम : अजितकुमार शंकर चौधरी
जन्म : 9 जून, 1933, लखनऊ (उ.प्र.) ।
कृतित्व : इलाहाबाद विश्वविद्यालय से हिंदी में उच्च शिक्षा पूरी कर अध्यापन में संलग्न । बीच में कुछ समय तक विदेश मंत्रालय के हिंदी विभाग में अनुवादक। दिल्ली के प्रसिद्ध किरोड़ीमल कॉलेज में लंबे समय तक अध्यापन के बाद यहीं से सेवानिवृत्त ।
रचना-संसार : दो उपन्यास, तीन कहानी-संग्रह, सात कविता-संग्रह, आलोचना की तीन, संस्मरणों की पाँच एवं छह अन्य पुस्तकों के साथ पंद्रह संपादित कृतियाँ प्रकाशित ।
अन्य : दूरदर्शन के लिए अनेक वर्षों तक 'पत्रिका' कार्यक्रम का संयोजन-संचालन ।
स्मृतिशेष : 17 जुलाई, 2017, दिल्ली।
जन्म : 9 जून, 1933, लखनऊ (उ.प्र.) ।
कृतित्व : इलाहाबाद विश्वविद्यालय से हिंदी में उच्च शिक्षा पूरी कर अध्यापन में संलग्न । बीच में कुछ समय तक विदेश मंत्रालय के हिंदी विभाग में अनुवादक। दिल्ली के प्रसिद्ध किरोड़ीमल कॉलेज में लंबे समय तक अध्यापन के बाद यहीं से सेवानिवृत्त ।
रचना-संसार : दो उपन्यास, तीन कहानी-संग्रह, सात कविता-संग्रह, आलोचना की तीन, संस्मरणों की पाँच एवं छह अन्य पुस्तकों के साथ पंद्रह संपादित कृतियाँ प्रकाशित ।
अन्य : दूरदर्शन के लिए अनेक वर्षों तक 'पत्रिका' कार्यक्रम का संयोजन-संचालन ।
स्मृतिशेष : 17 जुलाई, 2017, दिल्ली।