Adhunik Jyotish
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- ISBN13: 9789353226374
- Binding: Paperback
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): Religion & Spirituality
यूंतो ज्योतिष विज्ञान पर अनेक ग्रन्थ प्रकाशित हो चुके हैं और हो रहे हैं, परन्तु उनकी प्रामाणिकता सदा ही सन्दिग्ध रही है। प्रस्तुत पुस्तक अब तक प्रकाशित पुस्तकों से हटकर लिखी गयी है तथा पूर्णतः प्रामाणिक एवं विश्वसनीय है। लेखक ने इस पुस्तक में अनेक ऐसे तथ्य उजागर किये हैं, जिन्हें जानकर बड़े-बड़े ज्योतिषी भी दाँतों तले अंगुली दबा लेंगे। रेखाचित्रों की सहायता से उन्होंने अनेक प्रकार की ज्योतिषीय गणनाओं और गणितीय क्रियाओं को नवीन विधियों, सूत्रों एवं प्रक्रियाओं द्वारा इस प्रकार स्पष्ट किया है कि पुस्तक ज्योतिषप्रेमियों के साथ-साथ बड़े-बड़े ज्योतिषियों के लिए भी वैज्ञानिक आधार सिद्ध होगी।
इस ग्रन्थ में पूर्ववर्ती एवं परवर्ती ज्योतिष शास्त्रियों के द्वारा प्रतिपादित सिद्धांतों व तर्कों का आधुनिकीकरण करते हुए जो स्पष्टीकरण किया गया है, वह ज्योतिषप्रेमियों के लिए अत्यन्त उपयोगी है।
इस पुस्तक की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें जन्मपत्री बनाने की भारतीय पद्धति के साथ-साथ पाश्चात्य पद्धति भी दी गयी है, जो कि आधुनिक युग में कम्प्यूटर ज्योतिष में प्रयुक्त होती है। इसके साथ ही तात्कालिक सन्दर्भ हेतु विभिन्न सारणियाँ प्रस्तुत करते हुए उन्हें बनाने की विधि भी समझा दी गयी है।
इस ग्रन्थ में पूर्ववर्ती एवं परवर्ती ज्योतिष शास्त्रियों के द्वारा प्रतिपादित सिद्धांतों व तर्कों का आधुनिकीकरण करते हुए जो स्पष्टीकरण किया गया है, वह ज्योतिषप्रेमियों के लिए अत्यन्त उपयोगी है।
इस पुस्तक की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें जन्मपत्री बनाने की भारतीय पद्धति के साथ-साथ पाश्चात्य पद्धति भी दी गयी है, जो कि आधुनिक युग में कम्प्यूटर ज्योतिष में प्रयुक्त होती है। इसके साथ ही तात्कालिक सन्दर्भ हेतु विभिन्न सारणियाँ प्रस्तुत करते हुए उन्हें बनाने की विधि भी समझा दी गयी है।
रघुनन्दन प्रसाद गौड़
प्रख्यात ज्योतिर्विद्। सन् 1986 में शिक्षक दिवस के अवसर पर महामहिम राज्यपाल, राजस्थान द्वारा उत्कृष्ट शिक्षक के रूप में सम्मानित किए गए। उन्होंने पुरातन ज्योतिषीय सिद्धांतों व सूत्रों को सरल रूप प्रदान करते हुए ज्योतिष जगत् को अनेक बहुमूल्य रत्न अर्पित किए। उनके द्वारा रचित मौलिक ज्योतिषीय ग्रंथ ‘आधुनिक ज्योतिष’, ‘फलित सरोवर’, ‘जन्मपत्री रचना में त्रुटियाँ क्यों’, ‘नाक्षत्र ज्योतिष’, ‘दांपत्य जीवन और ज्योतिष’ तथा ‘स्त्री जातक दर्पण’ न केवल देश-विदेश में लोकप्रिय हुए अपितु उत्कृष्ट ज्योतिर्विदों के लिए वरदान सिद्ध हुए। इन्हीं विशिष्टताओं के फलस्वरूप उनके ग्रंथ अनेक विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में सम्मानजनक स्थान मिला। ज्योतिष के विभिन्न पक्षों पर लगभग दो सौ शोधपरक लेख प्रकाशित होकर चर्चित हुए। अनेक पुरस्कारों-सम्मानों से अलंकृत।
प्रख्यात ज्योतिर्विद्। सन् 1986 में शिक्षक दिवस के अवसर पर महामहिम राज्यपाल, राजस्थान द्वारा उत्कृष्ट शिक्षक के रूप में सम्मानित किए गए। उन्होंने पुरातन ज्योतिषीय सिद्धांतों व सूत्रों को सरल रूप प्रदान करते हुए ज्योतिष जगत् को अनेक बहुमूल्य रत्न अर्पित किए। उनके द्वारा रचित मौलिक ज्योतिषीय ग्रंथ ‘आधुनिक ज्योतिष’, ‘फलित सरोवर’, ‘जन्मपत्री रचना में त्रुटियाँ क्यों’, ‘नाक्षत्र ज्योतिष’, ‘दांपत्य जीवन और ज्योतिष’ तथा ‘स्त्री जातक दर्पण’ न केवल देश-विदेश में लोकप्रिय हुए अपितु उत्कृष्ट ज्योतिर्विदों के लिए वरदान सिद्ध हुए। इन्हीं विशिष्टताओं के फलस्वरूप उनके ग्रंथ अनेक विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में सम्मानजनक स्थान मिला। ज्योतिष के विभिन्न पक्षों पर लगभग दो सौ शोधपरक लेख प्रकाशित होकर चर्चित हुए। अनेक पुरस्कारों-सम्मानों से अलंकृत।