Abhayarani Abakka : Eternal Shadow of Bravery, Self-Respect And Independence | Rani Abbakka Chowta Biography Book In Hindi
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- ISBN13: 9789355622143
- Binding: Paperback
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): Biography
यह पुस्तक भारत की एक विस्मृत परंतु विलक्षण वीरांगना महारानी अबक्का चौटा के अद्भुत जीवन और संघर्ष को पुनः जनमानस के सम्मुख प्रस्तुत करने का एक सशक्त प्रयास है। इतिहास की परतों में दबे उस स्वर्णिम अध्याय को शब्दों के माध्यम से जीवंत किया गया है, जिसमें साहस, स्वाभिमान और मातृभूमि के प्रति अद्वितीय निष्ठा की अनुपम मिसाल मिलती है। महारानी अबक्का न केवल विदेशी आक्रांताओं से वीरतापूर्वक लड़ीं, बल्कि एक संगठित सामाजिक और सांस्कृतिक चेतना की प्रतीक भी रहीं।
यह रचना केवल ऐतिहासिक तथ्यों का संकलन नहीं, बल्कि उस युग की संवेदना, संघर्ष और आत्मगौरव को अनुभूत करने का आमंत्रण है। लेखक का उद्देश्य पाठक को एक ऐसी यात्रा पर ले जाना है, जहाँ वह इतिहास को केवल पढ़े नहीं, बल्कि उसे महसूस भी करे। यह पुस्तक जिज्ञासु मनों में शोध, अन्वेषण और नवलेखन की प्रेरणा जाग्रत् करने का माध्यम बने, यही इसकी सबसे बड़ी सफलता होगी। महारानी अबक्का का तेजस्वी जीवन आज के समय में भी प्रासंगिक है, और यह पुस्तक उस आलोक को पुनर्प्रकाशित करने का विनम्र यत्न है।
यह रचना केवल ऐतिहासिक तथ्यों का संकलन नहीं, बल्कि उस युग की संवेदना, संघर्ष और आत्मगौरव को अनुभूत करने का आमंत्रण है। लेखक का उद्देश्य पाठक को एक ऐसी यात्रा पर ले जाना है, जहाँ वह इतिहास को केवल पढ़े नहीं, बल्कि उसे महसूस भी करे। यह पुस्तक जिज्ञासु मनों में शोध, अन्वेषण और नवलेखन की प्रेरणा जाग्रत् करने का माध्यम बने, यही इसकी सबसे बड़ी सफलता होगी। महारानी अबक्का का तेजस्वी जीवन आज के समय में भी प्रासंगिक है, और यह पुस्तक उस आलोक को पुनर्प्रकाशित करने का विनम्र यत्न है।
उत्कर्ष पांडेय
दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से स्नातक और हिंदी विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय से परास्नातक करने के बाद वहीं से पीएच.डी. कर रहे हैं। साहित्य, कला और संस्कृति के प्रति गहरी अनुरक्ति रखने वाले उत्कर्ष का लेखन पारंपरिक मूल्यों और आधुनिक बौद्धिकता के बीच सेतु बनाता है। भारतीय दर्शन, लोक और राष्ट्रवादी विचारधारा पर उनका चिंतन उन्हें एक ऐसे युवा लेखक के रूप में प्रतिष्ठित करता है, जो न केवल परंपरा से संवाद करता है, बल्कि उसे समकालीन संदर्भों में प्रासंगिक भी बनाता है। 'स्वत्वबोध' नामक वेबसाइट को प्लेटफॉर्म बनाकर युवाओं को उनकी जड़ों से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। उनके लेख विभिन्न पत्रपत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं।
इमेल : authorutkarshpandey@gmail.com
वेबसाइट : www.swatvabodh.in
दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से स्नातक और हिंदी विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय से परास्नातक करने के बाद वहीं से पीएच.डी. कर रहे हैं। साहित्य, कला और संस्कृति के प्रति गहरी अनुरक्ति रखने वाले उत्कर्ष का लेखन पारंपरिक मूल्यों और आधुनिक बौद्धिकता के बीच सेतु बनाता है। भारतीय दर्शन, लोक और राष्ट्रवादी विचारधारा पर उनका चिंतन उन्हें एक ऐसे युवा लेखक के रूप में प्रतिष्ठित करता है, जो न केवल परंपरा से संवाद करता है, बल्कि उसे समकालीन संदर्भों में प्रासंगिक भी बनाता है। 'स्वत्वबोध' नामक वेबसाइट को प्लेटफॉर्म बनाकर युवाओं को उनकी जड़ों से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। उनके लेख विभिन्न पत्रपत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं।
इमेल : authorutkarshpandey@gmail.com
वेबसाइट : www.swatvabodh.in