25 Super Brands

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by Prakash Biyani

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  • ISBN13: 9788173158803
  • Binding: Paperback
  • Publisher: Prabhat Prakashan
  • Publisher Imprint: NA
  • Pages: NA
  • Language: Hindi
  • Edition: NA
  • Item Weight: 500
  • BISAC Subject(s): Business & management
बिजनेस स्कूल के छात्रों को पढ़ाया जाता है-
‘‘ब्रांड यानी उत्पाद विशेष का नाम एक ट्रेडमार्क।’’

वेबस्टर्स शब्दावली के अनुसार ब्रांड यानी...
''A mark Burned on the Skin with hot iron.''


हिंदी में इसका भावार्थ है...
‌‘‘व्यक्‍त‌ि के शरीर पर उसकी पहचान दाग देना।’’

यही इस पुस्तक का सार है ।
ब्रांड किसी उत्पाद का केवल नाम नहीं होता । उसके उत्पादक का पैटेंटेड ट्रेडमार्क भी नहीं होता । ग्राहक जब ' फेविकोल ' खरीदता है तो उसके साथ इस विश्‍वास का मूल्य भी चुकाता है कि इसका जोड़ निकाले नहीं निकलेगा । एडीडास या बाटा के जूते हों, मैक्डॉनल्ड्स के फास्ट फूड हो या बाबा रामदेव की ओषधियाँ-ग्राहक इनके साथ एक भरोसा खरीदता है । ब्रांडेड उत्पाद केवल वस्तु का मूल्य प्राप्‍त नहीं करते, वे एक भरोसे' एक विश्‍वास की कीमत भी वसूल करते हैं । वही ब्रांड मार्केट लीडर बनते हैं या लंबी पारी खेलते हैं, जो अपने पर ' दाग ' दी गई ' पहचान ' को एक बार नहीं, हर बार सही साबित करते हैं ।

कॉरपोरेट इतिहासकार प्रकाश बियाणी की यह ' दसवीं पुस्तक है । श्री बियाणी की पूर्व प्रकाशित प्रमुख पुस्तकें हैं-' शून्य से शिखर ', ' लोकल से ग्लोबल: भारतीय उद्योगपति ', ' जी, वित्तमंत्री! ', ' इस्पात पुर लक्ष्मी मित्तल ', ' इंडियन बिजनेस वुमन ' और ' खद से ख्वाबों तक संगमरमर ' । जिन्हें प्रबुद्ध पाऊ खासकर बी-स्कूल के छात्रों ने खूब पसंद किय ' शून्य से शिखर ' के तो पाँच साल में 11 संस्कर प्रकाशित हुए हैं । इन पुस्तकों के गुजराती, मराठी अंग्रेजी संस्करण भी जारी किए जा रहे हैं किशोरावस्था से लेखन कर रहे श्री बियाणी ने 25 व ( 1968 - 1993) भारतीय स्टेट बैंक में महत्त्वश जिम्मेदारी निभाते हुए दस वर्ष ( 1994 -2003) भास्कर समूह में कॉरपोरेट संपादक का दायित्व सँभाला है । इस दौरान उनके 2000 से ज्यादा लेख साक्षात्कार, समीक्षा विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं मे प्रकाशित हुए हैं । आपको राष्‍ट्रीय- अंतरराष्‍ट्रीय बिजनेस मीटा/ इवेंट्स में भाग लेने का मौका भी मिला है । सन् 2003 के बाद फ्रीलांस लेखक व स्तंभकार की हैसियत से वे केवल बिजनेस वर्ल्ड पर सतत लेखन कर रहे हैं ।

कमलेश माहेश्‍वरी नई पीढ़ी के टेक्‍नोक्रेट जर्नलिस्ट हैं । दैनिक भास्कर पत्रकारिता अकादमी से प्रशिक्षित कमलेश माहेश्‍वरी पिछले 10 वर्षों से मीडिया वर्ल्ड में सक्रिय हैं । दैनिक भास्कर के भोपाल संस्करण से अपना करियर प्रारंभ किया, भास्कर समूह की बहुचर्चित पत्रिका ' अहा! जिंदगी ' के संपादक मंडल में तीन वर्ष तक सक्रिय रहे । 1000 से ज्यादा लेख- आलेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित । इन दिनों रिलायंस समूह में बतौर कंटेंट मैनेजर कार्यरत हैं । प्रकाश बियाणी की पुस्तकों के सहलेखक होने के साथ नॉलेज इकोनॉमी के ताजा दौर में उनकी कोशिश है कि ज्ञान को तकनीक के साथ जोड़कर मीडिया वर्ल्ड में अलग पहचान बनाएँ ।

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