15 Practice Sets for REET Rajasthan Adhyapak Patrata Pariksha Level 2 (Class6 to 8) Samajik Adhyayan Exam 2022
₹395.00
₹336.00
14% OFF
Ships in 1 - 2 Days
Secure Payment Methods at Checkout
- ISBN13: 9789354881879
- Binding: Paperback
- Publisher: Prabhat Prakashan
- Publisher Imprint: NA
- Pages: NA
- Language: Hindi
- Edition: NA
- Item Weight: 500
- BISAC Subject(s): Competitive Books
PPT-471
(१) प्रस्तुत पुस्तक REET (राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा) लेवल-२ (कक्षा 6-8) १५ प्रैक्टिस सेट्स सामाजिक अध्ययनज् को विशेष रूप से उन अभ्यर्थियों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है, जो राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा संचालित राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (REET) की तैयारी कर रहे हैं। पुस्तक में राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा के लिए निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुरूप १५ प्रैक्टिस सेट्स दिए गए हैं, जो विषय का गहन अध्ययन करने के पश्चात तैयार किए गए हैं ढ्ढ इनके अध्ययन से अभ्यर्थियों को विषय की गहन जानकारी प्राप्त होगी। राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा के लिए यह पुस्तक अत्यधिक उपयोगी सिद्ध होगी।
मुख्य विशेषताएं
क सरल एवं सहज भाषा का प्रयोग
क परीक्षोपयोगी प्रश्नों का संकलन
क विगत परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्नों का समावेश
क नवीनतम परीक्षा पद्यति पर आधारित
(१) प्रस्तुत पुस्तक REET (राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा) लेवल-२ (कक्षा 6-8) १५ प्रैक्टिस सेट्स सामाजिक अध्ययनज् को विशेष रूप से उन अभ्यर्थियों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है, जो राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा संचालित राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (REET) की तैयारी कर रहे हैं। पुस्तक में राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा के लिए निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुरूप १५ प्रैक्टिस सेट्स दिए गए हैं, जो विषय का गहन अध्ययन करने के पश्चात तैयार किए गए हैं ढ्ढ इनके अध्ययन से अभ्यर्थियों को विषय की गहन जानकारी प्राप्त होगी। राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा के लिए यह पुस्तक अत्यधिक उपयोगी सिद्ध होगी।
मुख्य विशेषताएं
क सरल एवं सहज भाषा का प्रयोग
क परीक्षोपयोगी प्रश्नों का संकलन
क विगत परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्नों का समावेश
क नवीनतम परीक्षा पद्यति पर आधारित
कुँवर कनक सिंह राव
वर्तमान समय में शिक्षा क्षेत्र के शिरोमणि, योग्य, कर्मठ लेखक एवं शिक्षक कुँवर कनक ङ्क्षसह राव का जन्म राजस्थान के कांठल — प्रतापगढ़ के पास ठिकाना ‘ढलमू’ में हुआ था। मात्र 14 वर्ष की उम्र से भी पूर्व वे ‘कुँवर क्रांति’ के नाम से साहित्य जगत में प्रसिद्ध हो गये और शीघ्र ही अखिल भारतीय कवि के रूप में ख्याति अॢजत की। राष्ट्रीय मंच पर उन्होंने वीर रस के कवि के रूप में प्रसिद्धि प्राप्त की और आशावादी काव्य पाठ कर पाठकों का मन हरते रहे। साहित्य के साथ ही वे आकाशवाणी से भी जुड़े तथा वहाँ पर काव्य पाठ एवं युवाओं के संदर्भ में उनकी वार्ताएँ प्रसारित हुई। साहित्य क्षेत्र के साथ ही वे कालांतर में शैक्षणिक क्षेत्र में भी एक दैदीप्यमान नक्षत्र की भांति अपनी चमक बिखेरते हुए उदित हुए और स्थापित हो गए। स्नातक स्तर के अध्ययन के दौरान विश्वविद्यालय स्तर एवं राज्य स्तरीय वाद-विवाद प्रतियोगिताओं, निबंध लेखन प्रतियोगिताओं तथा विभिन्न खेलकूद प्रतियोगिताओं सहित वे अन्य क्षेत्रों में भी अग्रणी रहे। 1997 में बी.एड. करने के पश्चात् वर्ष 1997-98 में रेलवे स्टेशन मास्टर परीक्षा में वे चयनित हुए। 1998 में राज्य पुलिस उप निरीक्षक परीक्षा उत्तीर्ण की तथा 1999 में ए.ई.सी.एस में प्रारम्भ में टी.जी.टी के रूप में तथा सन् 2000 में इतिहास के प्राध्यापक के रूप में अध्यापन कार्य किया। राजस्थान के युवाओं के मध्य शीघ्र ही उन्होंने इतिहास के अध्यापक के रूप में एक अविस्मरणीय स्थान बनाया जो आज भी यथावत् है। साहित्य लेखन के साथ-साथ लेखन में भी सक्रिय हुए। 2001 से प्रतियोगी परीक्षा की पुस्तकों के लेखन व जयपुर की विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षा कोङ्क्षचग कक्षाओं में सामान्य अध्ययन तथा आई.सी.एस. व आर.ए.एस. परीक्षा में इतिहास ऐच्छिक विषय के व्याख्याता के रूप में अनवरत शिक्षण कार्य कर रहे हैं। आपने जयपुर के अतिरिक्त कोटा, सीकर, जोधपुर, भीलवाड़ा, प्रतापगढ़ की विभिन्न प्रतियोगी शिक्षण संस्थाओं में भी शिक्षण कार्य किया है तथा अपनी योग्यता के प्रकाश से छात्रों के जीवन को मार्ग दिखाया, विषय के सटीक व तथ्यात्मक वर्णन तथा अर्जुन के समान लक्ष्य भेद की नीति पर चलने वाले कुँवर कनक ङ्क्षसह राव प्रतियोगियों को प्रेरित करने तथा उनमें लक्ष्य को प्राप्त करने का जज्बा पैदा करने में सिद्धस्थ हैं।
ई-मेल : kunwarkanak9@gmail.com
वर्तमान समय में शिक्षा क्षेत्र के शिरोमणि, योग्य, कर्मठ लेखक एवं शिक्षक कुँवर कनक ङ्क्षसह राव का जन्म राजस्थान के कांठल — प्रतापगढ़ के पास ठिकाना ‘ढलमू’ में हुआ था। मात्र 14 वर्ष की उम्र से भी पूर्व वे ‘कुँवर क्रांति’ के नाम से साहित्य जगत में प्रसिद्ध हो गये और शीघ्र ही अखिल भारतीय कवि के रूप में ख्याति अॢजत की। राष्ट्रीय मंच पर उन्होंने वीर रस के कवि के रूप में प्रसिद्धि प्राप्त की और आशावादी काव्य पाठ कर पाठकों का मन हरते रहे। साहित्य के साथ ही वे आकाशवाणी से भी जुड़े तथा वहाँ पर काव्य पाठ एवं युवाओं के संदर्भ में उनकी वार्ताएँ प्रसारित हुई। साहित्य क्षेत्र के साथ ही वे कालांतर में शैक्षणिक क्षेत्र में भी एक दैदीप्यमान नक्षत्र की भांति अपनी चमक बिखेरते हुए उदित हुए और स्थापित हो गए। स्नातक स्तर के अध्ययन के दौरान विश्वविद्यालय स्तर एवं राज्य स्तरीय वाद-विवाद प्रतियोगिताओं, निबंध लेखन प्रतियोगिताओं तथा विभिन्न खेलकूद प्रतियोगिताओं सहित वे अन्य क्षेत्रों में भी अग्रणी रहे। 1997 में बी.एड. करने के पश्चात् वर्ष 1997-98 में रेलवे स्टेशन मास्टर परीक्षा में वे चयनित हुए। 1998 में राज्य पुलिस उप निरीक्षक परीक्षा उत्तीर्ण की तथा 1999 में ए.ई.सी.एस में प्रारम्भ में टी.जी.टी के रूप में तथा सन् 2000 में इतिहास के प्राध्यापक के रूप में अध्यापन कार्य किया। राजस्थान के युवाओं के मध्य शीघ्र ही उन्होंने इतिहास के अध्यापक के रूप में एक अविस्मरणीय स्थान बनाया जो आज भी यथावत् है। साहित्य लेखन के साथ-साथ लेखन में भी सक्रिय हुए। 2001 से प्रतियोगी परीक्षा की पुस्तकों के लेखन व जयपुर की विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षा कोङ्क्षचग कक्षाओं में सामान्य अध्ययन तथा आई.सी.एस. व आर.ए.एस. परीक्षा में इतिहास ऐच्छिक विषय के व्याख्याता के रूप में अनवरत शिक्षण कार्य कर रहे हैं। आपने जयपुर के अतिरिक्त कोटा, सीकर, जोधपुर, भीलवाड़ा, प्रतापगढ़ की विभिन्न प्रतियोगी शिक्षण संस्थाओं में भी शिक्षण कार्य किया है तथा अपनी योग्यता के प्रकाश से छात्रों के जीवन को मार्ग दिखाया, विषय के सटीक व तथ्यात्मक वर्णन तथा अर्जुन के समान लक्ष्य भेद की नीति पर चलने वाले कुँवर कनक ङ्क्षसह राव प्रतियोगियों को प्रेरित करने तथा उनमें लक्ष्य को प्राप्त करने का जज्बा पैदा करने में सिद्धस्थ हैं।
ई-मेल : kunwarkanak9@gmail.com